पंजाब के फिरोजपुर जिले के गांव तरिड्डा के युवा सरपंच जश्नप्रीत बावा की आत्महत्या मामले में स्थानीय विधायक फौजा सिंह सरारी और उनके पीए बच्छित्र सिंह लाडी को सिट जांच के बाद क्लीन चिट दे दी गई है। वहीं, जश्नप्रीत के पिता और अन्य गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने अब पांच अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। हालांकि, अंतिम संस्कार के बाद 5 जून को तरसेम लाल ने एक लिखित शिकायत में विधायक फौजा सिंह और उनके पीए लाडी को बेटे की मौत का जिम्मेदार ठहराया था। इस पर पुलिस ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि तरसेम लाल ने सिट के सामने बयान बदलते हुए स्वीकार किया कि उन्होंने विधायक और उनके पीए के खिलाफ कुछ लोगों के बहकावे में आकर बयान दिया था। उस समय वे मानसिक सदमे में थे और उनकी हालत स्थिर नहीं थी। क्या था मामला 31 मई को जश्नप्रीत ने अपने घर में लाइसेंसी पिस्तौल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। अगले दिन उनके पिता तरसेम लाल ने पुलिस को बयान दिया था कि उन्हें किसी पर शक नहीं है और वे कोई कार्रवाई नहीं चाहते। इसके बाद पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्यवाही कर केस फाइल बंद कर दी थी। परिवार की मांग पर पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया। विधायक के साथ पीए को भी क्लीन चिट SIT रिपोर्ट के आधार पर विधायक और उनके पीए को क्लीन चिट दे दी गई है। वहीं, अब पुलिस ने पांच अन्य लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाना के तहत केस दर्ज कर लिया है।
सरपंच बावा की आत्महत्या मामले में MLA सरारी को क्लीनचिट:गवाहों के बयानों के आधार पर 5 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज
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