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बिहार में 25 जून से 26 जुलाई तक वोटर लिस्ट का वेरिफिकेशन किया जा रहा है. यह प्रक्रिया 2003 के बाद पहली बार हो रही है. चुनाव आयोग ने इसे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आवश्यक बताया है, ताकि कोई योग्य वोटर छूटे नहीं और कोई फर्जी वोटर लिस्ट में रहे नहीं. हालांकि, इस प्रक्रिया को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (NRC) से जोड़ा जा रहा है. आरोप है कि मतदाताओं से ऐसे डॉक्यूमेंट मांगे जा रहे हैं जो गरीब लोगों के पास नहीं हैं, जिससे उनके नाम कट सकते हैं. एक पक्ष का कहना है कि “डाका सिर्फ आपके वोट पर नहीं डाला जा रहा है, ये डाका डाला जा रहा है। आपके तमाम अधिकारों पर, आपके वजूद पर, आपकी पहचान पर, आपकी नागरिकता पर” जिससे यह मुद्दा और गरमा गया है.