हिमाचल प्रदेश के ऊना से भाजपा विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने हिमाचल सरकार पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। उन्होंने सहायक दवा नियंत्रक निशांत सरीन के मामले को उठाया। ईडी ने सरीन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में तीन राज्यों में छापेमारी की। जांच में 40 से अधिक बैंक खाते, तीन महंगी कारें और एफडीआर मिली हैं। 60 से ज्यादा शराब की बोतलें जब्त चंडीगढ़ स्थित आवास से 60 से ज्यादा शराब की बोतलें भी जब्त की गई। सरीन की पत्नी पंचकूला स्थित एक दवा कंपनी में 95 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती हैं। सत्ती के अनुसार सरीन ने धर्मशाला में पोस्टिंग के लिए 30 लाख रुपए दिए। इसके बाद हर महीने ऊना और शिमला में 5-5 लाख रुपए पहुंचाए जाते थे। दवा विक्रेताओं से लाइसेंस नवीनीकरण के लिए 50 हजार रुपए की मांग की जाती थी। बोले-सरीन पहले भी हो चुके गिरफ्तार सत्ती ने सरकार से पूछा है कि वह कांग्रेस नेता कौन है, जिसने 30 लाख लिए और किसे हर माह 10 लाख रुपए दिए जाते थे। उन्होंने बताया कि 2013 में हाईकोर्ट ने संवेदनशील पदों पर संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले अधिकारियों की नियुक्ति न करने के आदेश दिए थे। सत्ती का कहना है कि सरीन पहले भी भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। हिमाचल की दवाओं के सैंपल बार-बार फेल सत्ती ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण हिमाचल में बनी दवाओं के सैंपल बार-बार फेल होते हैं और राज्य की साख पर सवाल उठते हैं। सत्ती ने प्रदेश में बढ़ते नशे के कारोबार पर भी चिंता जताई और कहा कि चिट्टा युवाओं की जिंदगियां बर्बाद कर रहा है, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। नशा तस्करों को मिल रहा संरक्षण उन्होंने कहा कि हिमाचल अपनी ईमानदारी के लिए जाना जाता था, परंतु सुक्खू सरकार ने भ्रष्टाचारियों और नशा तस्करों को संरक्षण देकर पूरे राज्य को शर्मसार किया है। सत्ती ने कहा कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, कई और चौंकाने वाले खुलासे सामने आएंगे। उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की कि वे इस सरकार की नीयत को पहचानें और समय आने पर इसका जवाब दें।
कांगड़ा में भाजपा विधायक का सुक्खू सरकार पर आरोप:दवा नियंत्रक ने पोस्टिंग के दिए 30 लाख, हर माह 10 लाख की वसूली
3