हिसार पहुंचे सांसद जयप्रकाश और विधायक:धर्मशाला के लिए 22 लाख दिए, BJP पर लगाया धर्म-जाति के नाम पर बांटने का आरोप

by Carbonmedia
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हिसार के गांव खैरी में शनिवार को संत शिरोमणि कबीर दास की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में हिसार के सांसद जयप्रकाश पहुंचे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक नरेश सेलवाल ने की। मंच पर आदमपुर के विधायक चंद्रप्रकाश जांगड़ा और नारनौंद से विधायक जस्सी पेटवाड़ भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में ग्रामीणों द्वारा अतिथियों का फूल मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। संत कबीर दास की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अपने संबोधन में सांसद जयप्रकाश ने संत कबीर दास की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज भी उनके विचार प्रासंगिक हैं और हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। भाजपा सरकार पर निशाना साधा सांसद जयप्रकाश ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह सरकार समाज को धर्म और जातियों में बांटने का कार्य कर रही है। भाजपा नहीं चाहती कि गरीब पढ़े-लिखे और जागरूक बनें, क्योंकि शिक्षित समाज उनकी नीतियों का विरोध करता है।” उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे भाजपा की ‘कुनीतियों’ के खिलाफ एकजुट हों और समाज को संगठित कर आगे बढ़ाएं। इस मौके पर सांसद जयप्रकाश ने गांव में धर्मशाला निर्माण के लिए 11 लाख रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की। भाजपा पर धर्म-जाति के नाम पर बांटने का आरोप विधायक नरेश सेलवाल ने कहा कि संत कबीर दास ने सत्य और मानवता की राह दिखाई और आडंबरों का विरोध किया। उन्होंने कहा, “धानक समाज ने हमेशा कांग्रेस का साथ दिया है, लेकिन भाजपा हमारे समाज को धर्म और जाति के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है। संविधान और सामाजिक एकता की रक्षा के लिए हमें एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।” विधायक सेलवाल ने भी 11 लाख रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की। एकजुटता और सामाजिक समरसता की शपथ ली कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आदमपुर के विधायक चंद्र प्रकाश जांगड़ा और नारनौंद के विधायक जस्सी पेटवाड़ ने भी संत कबीर के विचारों को आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक बताया और सामाजिक एकता का आह्वान किया। इस अवसर पर जिला पार्षद कर्मकेश कुंडू ने भी जिला परिषद से 2 लाख रुपए की अनुदान राशि देने की घोषणा की। कार्यक्रम का समापन सामूहिक प्रार्थना और संत कबीर दास के भजनों के साथ हुआ। उपस्थित जनसमूह ने एकजुटता और सामाजिक समरसता की शपथ ली।

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