Mumbai News: महाराष्ट्र के मुंबई में साइबर अपराधियों ने मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में संलिप्तता का आरोप लगाकर 70 वर्षीय एक डॉक्टर को आठ दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखकर उससे तीन करोड़ रुपये ठग लिए. पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मई में पीड़िता को एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को दूरसंचार विभाग का कर्मचारी अमित कुमार बताया.
उन्होंने बताया कि जालसाज ने पीड़िता को आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल के लिए उसकी व्यक्तिगत जानकारी के साथ एक सिम कार्ड खरीदे जाने की बात कही. इसके बाद पीड़िता को एक अन्य व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी समाधान पवार बताया. उसने पीड़िता को बताया कि एक विमानन कंपनी के मालिक के घर पर छापेमारी के दौरान उसके बैंक खाते और डेबिट कार्ड का विवरण मिला है. विमानन कंपनी के मालिक को मनी लॉन्ड्रिंग धनशोधन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह चिकित्सीय आधार पर बाहर है.
पुलिस की वर्दी में किया वीडियो कॉलउन्होंने बताया कि आरोपी ने पीड़िता को कई दस्तावेज भेजे और दावा किया कि ये दस्तावेज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियों से हैं. अधिकारी ने बताया कि पुलिस की वर्दी में एक व्यक्ति ने भी उसके पति से वीडियो कॉल पर बात की, जिससे उसे मामले के बारे में यकीन हो गया. फिर उसे आठ दिन के लिए ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा गया. इस अवधि के दौरान पीड़िता से हर घंटे उन्हें रिपोर्ट करने के लिए कहा गया. डर के मारे पीड़िता ने जालसाजों द्वारा दिये गये विभिन्न बैंक खातों में तीन करोड़ रुपये भेज दिए.
82 लाख रुपये क्रिप्टोकरेंसी में बदलेअधिकारी ने बताया कि पीड़िता ने पांच जून को पश्चिम क्षेत्र साइबर थाने से संपर्क किया, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि आरोपियों ने 82 लाख रुपये क्रिप्टोकरेंसी में बदले हैं. उन्होंने बताया कि अपराधियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.
मुंबई में डॉक्टर को 8 दिन तक रखा ‘डिजिटल अरेस्ट’, ठगे 3 करोड़ रुपये
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