हरियाणा में कांग्रेस जिलाध्यक्षों की नियुक्ति का अंतिम दौर:करनाल में 66 दावेदारों के इंटरव्यू पूरे, 30 जून तक हाईकमान को भेजे जाएंगे 12 नाम

by Carbonmedia
()

हरियाणा कांग्रेस में शहरी और ग्रामीण जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर अंतिम चरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। करनाल जिले से करीब 66 नेताओं ने आवेदन किया था, जिनका इंटरव्यू एआईसीसी और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) के ऑब्जर्वरों ने शनिवार देर रात किए। इंटरव्यू में नेताओं से उनका राजनीतिक सफर, संगठन के लिए की गई मेहनत और जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों को लेकर सवाल पूछे गए।
ऑब्जर्वरों के मुताबिक, अब 30 जून तक शहरी और ग्रामीण जिलाध्यक्ष के लिए 6-6 नाम सिलेक्ट करके कांग्रेस हाईकमान को भेजे जाएंगे। हाईकमान इनमें से एक-एक नाम को अंतिम मुहर देगा और नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी। इसके बाद ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति व अन्य कार्यकारिणी गठन की प्रक्रिया भी शुरू होगी। 66 नेताओं से लिए गए इंटरव्यू, हर पहलू पर हुई चर्चा
एचपीसीसी की तरफ से नियुक्त ऑब्जर्वर आजाद मलिक ने बताया कि करनाल जिले से कुल 66 कांग्रेस नेताओं ने जिलाध्यक्ष बनने के लिए आवेदन किया था। इन सभी के इंटरव्यू ऑब्जर्वर कैलाशो सैनी, मंगल लाल वास और एआईसीसी की तरफ से आए बुवन कापड़ी की देखरेख में लिए गए। इंटरव्यू के दौरान नेताओं से संगठन को लेकर जमीनी सवाल पूछे गए। यह देखा गया कि कौन सा नेता संगठन को किस तरह मजबूती दे सकता है और उसका अब तक का राजनीतिक बैकग्राउंड कैसा रहा है। कौन सी कैटेगरी से आएगा करनाल का जिलाध्यक्ष, हाईकमान करेगा फैसला
आजाद मलिक ने बताया कि यह फैसला हाईकमान करेगा कि करनाल जिला किस कोटे में जाएगा – सामान्य, एससी, बीसी या महिला। इस पर सभी ऑब्जर्वरों की रिपोर्ट के आधार पर फैसला लिया जाएगा। संगठन की मजबूती से बदलेगी कांग्रेस की दशा-दिशा
मलिक ने माना कि संगठन की कमी कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी थी, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा। लेकिन अब जब नए सिरे से संगठन बनाया जा रहा है, तो कांग्रेस एक मजबूत रूप में सामने आएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी की देखरेख में संगठन को नया जीवन दिया जा रहा है। 90 ऑब्जर्वर रहे शामिल, चंडीगढ़ में हुई मीटिंग
मलिक ने बताया कि इस चयन प्रक्रिया में एचपीसीसी की तरफ से 69 और एआईसीसी की तरफ से 21 ऑब्जर्वर शामिल रहे। सभी ऑब्जर्वरों की चंडीगढ़ में बैठक हुई थी, जिसमें संगठन के स्वरूप और जिलाध्यक्ष चयन की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई थी, अब ग्राउंड लेवल से रिपोर्ट तैयार करके हाईकमान को भेजी जाएगी। गुटबाजी से अब बाहर निकलेगी कांग्रेस
गुटबाजी पर पूछे गए सवाल पर आजाद मलिक ने साफ किया कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। विचारधारा में थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है, लेकिन संगठन अब एकजुट होकर एक एजेंडे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कभी गुटबाजी रही भी है, तो वह अब खत्म हो चुकी है। जो भी नियुक्तियां होंगी, वह राय-मशविरा करके होंगी, किसी पर कोई नाम थोपे नहीं जाएंगे। बड़ी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ता, नहीं रहा संगठन पहले जैसी कमजोरी
मलिक ने कहा कि जहां-जहां पर मीटिंग ली गई, वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ देखने को मिली और आवेदन की संख्या से ही यह साबित होता है कि कार्यकर्ताओं में संगठन को लेकर कितना जोश है। अब कांग्रेस पहले जैसी नहीं रहेगी, संगठनात्मक तौर पर भी और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी मजबूती के साथ खड़ी होगी। अब अगला इंतजार हाईकमान की घोषणा का
30 जून तक ऑब्जर्वर अपनी रिपोर्ट हाईकमान को भेज देंगे। उसके बाद तय होगा कि करनाल जिले की कमान किसे सौंपी जाएगी। कांग्रेस में इस बार पूरी पारदर्शिता के साथ नियुक्तियां की जा रही हैं, जिससे कार्यकर्ता खुद को जुड़ा हुआ महसूस करें और पार्टी जमीनी स्तर पर मजबूत हो।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment