रोहतक में ग्रीवेंस कमेटी की लिस्ट को लेकर विवाद:भाजपा नेता पर बी टीम बनाने के आरोप, बड़े नामों को किया दरकिनार

by Carbonmedia
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रोहतक में ग्रीवेंस कमेटी की हाल ही में जारी हुई लिस्ट को लेकर भारतीय जनता पार्टी में नया विवाद शुरू हो गया है। अनुशासित मानी जाने वाली पार्टी में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि पुराने व समर्पित कार्यकर्ता अब गुटबाजी होने की बात बोलने लगे है। इस गुटबाजी का जनक कोई ओर नहीं, बल्कि भाजपा का ही एक नेता व सरकारी नौकरी वाला कार्यकर्ता बताया जा रहा है। भाजपा की तरफ से जारी ग्रीवेंस कमेटी की लिस्ट में पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी शमशेर खरक, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रदीप जैन जैसे नेताओं को शामिल नहीं किया। वहीं भाजपा के पुराने कार्यकर्ता मनोज मक्कड़ व तरुण सन्नी को भी इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया। वहीं, कुछ ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जो पार्टी में हाल ही में शामिल हुए है। इसका आरोप भाजपा के एक नेता पर लग रहा है, जिस पर बी टीम बनाकर गुटबाजी करके पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया जा रहा है। बाहरी को तव्वजो, निष्ठावान को किया नजर अंदाज
भारतीय जनता पार्टी के भीतर यह चर्चा जोरों पर है कि बाहरी दलों से आए व्यक्तियों को इतनी जल्दी शीर्ष पदों पर नियुक्त करना उचित नहीं है, क्योंकि उन्हें बीजेपी की संस्कृति और कार्यप्रणाली की गहरी समझ नहीं होती। असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने कई वरिष्ठ और निष्ठावान नेताओं को नजर अंदाज किए जाने की बात उठाई है। रोहतक विधानसभा में इन्हें नहीं किया शामिल
रोहतक विधानसभा से पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर, वरिष्ठ नेता प्रदीप जैन, आदेश जैन, सतीश सैनी, मनोज मक्कड़, बृजेश वर्मा, राजकुमार शर्मा, एडवोकेट राजबाला चहल, नरेंद्र वत्स, नागेंद्र शर्मा, कृष्णपाल गुज्जर, हरि ओम भाली, जितेंद्र अत्रि, तरुण सन्नी शर्मा और मनोज शर्मा को सूची में शामिल नहीं किया गया। महम में पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी
महम विधानसभा से प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी शमशेर सिंह खरक, वेद प्रकाश धवन, राजवीर आर्य, युवा मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष नवीन ढुल, सतबीर राठी और महम मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन रामनिवास रोहिला जैसे नेताओं को ग्रीवेंस कमेटी की सूची में जगह नहीं मिली। कलानौर में कार्यकर्ता दिख रहे नाराज
कलानौर विधानसभा में धर्मवीर शर्मा, रवि टक्कर, जितेंद्र चावला, बंसी विज, कोआपरेटिव बैंक चेयरमैन हरीश कौशिक, जय सिंह लाकड़ा, उदयभान मलिक, मदन कुमार सिंह, सतबीर सैनी, अशोक जांगड़ा, सुरेश किराड़ और राजेन्द्र उर्फ राजू रावत जैसे कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया गया। गढ़ी सांपला किलोई में यह नेता किए बाहर
गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा से अभिनंदन शर्मा, देवराज सांपला, सुरजीत जसिया, संजय कुंडू, कप्तान जसिया, महासिंह दलाल, रवि हुड्डा और सोनू दलाल जैसे नेताओं को लिस्ट में जगह नहीं दी गई। इसके कारण कार्यकर्ता काफी नाराज नजर आ रहे है। पूर्व मंत्री को कमजोर करने में लगी तिगड़ी
भाजपा नेताओं की माने तो यह मुद्दा अब स्थानीय स्तर से आगे बढ़कर हरियाणा के शीर्ष नेतृत्व और राष्ट्रीय स्तर तक चर्चा का विषय बन चुका है। एक भाजपा नेता, उनके करीबी सहयोगी, जो सरकारी नौकरी में हैं और स्वयं को चाणक्य मानते हैं, उनके साथ-साथ एक पूर्व जिला अध्यक्ष का नाम इस विवाद में बार-बार उछल रहा है। इनकी तिकड़ी एक पूर्व मंत्री को कमजोर करने के उद्देश्य से पार्टी में गुटबाजी कर पार्टी को नुकसान पहुंचा रही है। पार्टी के अंदर गहरा रहा विवाद
इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता कुछ भी बोलने से बच रहे है, लेकिन उनकी नाराजगी साफ छलक रही है। कष्ट निवारण समिति सूची विवाद रोहतक बीजेपी जिला इकाई के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने के लिए शीर्ष नेतृत्व अब क्या कदम उठाएगा या यह विवाद बढ़ता जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।

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