महोबा: जिला अस्पताल में लापरवाही का वीडियो वायरल, TB मरीज खुद लगा रहा इंजेक्शन, स्टाफ नदारद

by Carbonmedia
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UP News: उत्तर प्रदेश के महोबा में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली खोलने का मामला सामने आया है. यहां सरकारी जिला अस्पताल में टीबी रोगी को सामान्य वार्ड में भर्ती कर दिया गया, यही नहीं उसकी देखभाल के लिए भी कोई स्टाफ नहीं था. टीबी मरीज खुद अपने इंजेक्शन लगा रहा है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. अब अस्पताल प्रबन्धन ने जांच की बात कही है.
वायरल वीडियो में एक युवक, जो टीबी का मरीज बताया जा रहा है, वार्ड नंबर-1 में खुद को डेरी डेक्सा इंजेक्शन लगाता दिख रहा है. यह इंजेक्शन टीबी के इलाज में इस्तेमाल होता है और इसे प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी की देखरेख में लगाया जाना चाहिए. लेकिन वीडियो में न तो कोई डॉक्टर मौजूद है और न ही कोई नर्स. मरीज द्वारा खुद इंजेक्शन लगाने से न केवल उसकी जान को खतरा बढ़ गया, बल्कि अन्य मरीजों में भी संक्रमण का डर फैल गया है.
टीबी मरीज को सामान्य वार्ड में रखने पर उठे सवाल
सबसे बड़ी लापरवाही यह है कि टीबी जैसे संक्रामक रोग से पीड़ित मरीज को अलग टीबी वार्ड में रखने के बजाय सामान्य वार्ड नंबर-1 में भर्ती किया गया. इस वार्ड में पहले से ही अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीज और छोटे बच्चे भर्ती हैं. टीबी हवा के माध्यम से फैलने वाला रोग है, और ऐसे में मरीज को सामान्य वार्ड में रखना दर्जनों मरीजों और उनके तीमारदारों की जान को जोखिम में डालना है.
वीडियो वायरल होने के बाद वार्ड में दहशत का माहौल है। मरीज सुनीता शुक्ला ने बताया कि हमने अस्पताल प्रशासन से कई बार शिकायत की कि टीबी के मरीज को हमारे बीच न रखा जाए, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. वहीं, अन्य मरीज अभिलाषा और तीमारदार रिंकू ने कहा कि उन्हें पास के बेड पर भर्ती मरीज के टीबी पीड़ित होने की जानकारी वीडियो वायरल होने के बाद ही मिली. अब सभी मरीज और तीमारदार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
अस्पताल प्रशासन का जवाब
जब इस मामले को लेकर जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. पवन अग्रवाल से बात की गई, तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए केवल जांच की बात कही. इससे साफ है कि अस्पताल प्रशासन इस मामले में जवाबदेही से बच रहा है.
जिला अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की ये पहली लापरवाही नहीं है, बल्कि ये लगातार हो रही है. कुछ दिनों पहले जहर खाए मरीज को इमरजेंसी में लाया गया था, जिसके एक्टिवेटेड चारकोल की जगह कोयला मिलाकर पिला दिया गया था. हालत बिगड़ने पर उसे हायर सेंटर रेफर किया गया था.  अब इस घटना ने एक बार बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

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