सीडीएलयू के चेयरपर्सन पर जांच प्रभावित का आरोप:प्रोफेसर ने वीसी को दी शिकायत, जिनकी स्टेटमेंट ली, उनका इससे कोई संबंध नहीं

by Carbonmedia
()

सिरसा की चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (CDLU) में लॉ विभाग के विद्यार्थी और प्रोफेसर अपने ही चेयरपर्सन के खिलाफ लामबंद हो गए है। छात्र-छात्राओं और प्रोफेसर ने चेयरपर्सन के खिलाफ लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया कि वह अपने पद पर रहते हुए जांच को प्रभावित कर सकते हैं। दरअसल लॉ विभाग का यह मामला लगातार सुर्खियों में हैं और बाकी छात्र भी मामले में पक्ष में उतरे हैं। वहीं, अब विभाग की छात्राओं ने भी इस मामले में जांच के लिए ज्ञापन सौंपा है। प्रोफेसर रवि ने शिकायत में आरोप लगाया कि 14 मई को मानसिक, आर्थक व विभागीय उत्पीड़न के मामले में विभाग चेयरपर्सन के खिलाफ वीसी और एसपी को शिकायत दी थी। चेयरपर्सन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए विभाग के 6 प्रोफेसर और पंजीकृत शोधकर्ताओं की स्टेटमेंट डीएसपी को दिलवाई है। जिनका उसकी शिकायत से कोई संबंध नहीं है। मगर विभाग के किसी भी प्रोफेसर एवं शोधार्थी को स्टेटमेंट देने के लिए एसपी ऑफिस द्वारा नहीं बुलाया गया। इसलिए उनको अपने पद से हटाया जाए, ताकि पारदर्शी तरीके से जांच हो सकें। यह था मामला जानकारी के अनुसार लॉ विभाग की एक महिला प्रोफेसर ने चेयरपर्सन पर मैटरनिटी लीव पर होने के बावजूद यूनिवर्सिटी में बुलाकर प्रताड़ित करने और भेदभाव का आरोप लगाया था। आरोप था कि छात्र की अटेंडेंस पूरी कर दी थी और रजिस्ट्रर सौंप दिया था। इसके बावजूद महिला प्रोफेसर को रजिस्ट्रर जमा कराने यूनिवर्सिटी बुलाया और उनकी तबीयत बिगड़ गई। इससे पहले भी एक छात्र ने शिकायत दी थी। उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। विभाग में हाजिरी मामले में नहीं लिया संज्ञान सीडीएलयू के लॉ विभाग के छात्र ने पत्र में बताया है कि कॉलेज में अवैध दाखिले, नियमित कक्षाओं का न होना, विद्यार्थियों की अनुपस्थिति के बावजूद उपस्थिति दर्ज करना जैसी अनियमितताएं लंबे समय से जारी हैं। उन्होंने पूर्व में इन मामलों की शिकायत की थी, जिसके आधार पर विश्वविद्यालय द्वारा एक जांच समिति गठित की गई थी। हालांकि, 01 अप्रैल 2025 को निरीक्षण के दौरान कक्षा में 70 में से केवल 4 विद्यार्थी उपस्थित पाए गए, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पारदर्शिता पर उठ रहे सवाल छात्रों ने सवाल उठाए कि जांच समिति की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई, जिससे इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने और उसकी जांच की मांग की थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment