Maharashtra Monsoon Session: महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है. इस सत्र में कुल 12 विधेयक पेश किए जाएंगे. सत्र की शुरुआत से पहले राज्य सरकार को एक बड़े विवाद का सामना करना पड़ा, जब महाराष्ट्र के विद्यालयों में पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू करने के विरोध के बीच राज्य मंत्रिमंडल ने तीन भाषा नीति को रद्द कर दिया है.
इसी सत्र के पहले दिन उपमुख्यमंत्री एवं राज्य के वित्त व योजना मंत्री अजित पवार ने 57,509 करोड़ 71 लाख रुपये की पूरक मांगें विधानमंडल में प्रस्तुत कीं. यह पूरक निधि राज्य के आधारभूत ढांचे के विकास जैसे सड़क, मेट्रो और सिंचाई परियोजनाओं के साथ-साथ सिंहस्थ कुंभ मेले की योजना और उसके क्रियान्वयन के लिए खर्च की जाएगी.
अनिवार्य और योजनागत व्ययों का विस्तृत ब्योरा
इसके अलावा, महात्मा ज्योतिराव फुले आरोग्य योजना, संजय गांधी निराधार अनुदान योजना, पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति और वंचित व दुर्बल समाज के कल्याण हेतु भी इस निधि का उपयोग होगा. प्रस्तुत पूरक मांगों में 19,183 करोड़ 85 लाख रुपये अनिवार्य खर्चों के लिए प्रस्तावित किए गए हैं, जबकि 34,661 करोड़ 34 लाख रुपये योजनागत व्यय के अंतर्गत और 3,664 करोड़ 52 लाख रुपये केंद्र सरकार से प्राप्त होने वाले प्रायोजित योजनाओं के तहत रखे गए हैं. हालांकि पूरक मांगों का कुल आकार 57,509 करोड़ रुपये से अधिक का है, लेकिन राज्य सरकार पर इसका वास्तविक शुद्ध भार लगभग 40,644 करोड़ 69 लाख रुपये ही होगा.
इन पूरक मांगों में सबसे प्रमुख राशि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर खर्च की जाएगी. इसके तहत 11,042 करोड़ 76 लाख रुपये अनुदानों के रूप में आवंटित किए गए हैं. मेट्रो प्रकल्पों और स्थानीय निकायों को स्टैंप शुल्क अधिभार की प्रतिपूर्ति हेतु 3,228 करोड़ 38 लाख रुपये रखे गए हैं. इससे शहरी आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी और मेट्रो सेवाओं के विस्तार में भी सहायता होगी.
सहकारिता और शहरी विकास को मिलेगा बल
इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने सहकारी क्षेत्र को भी सशक्त करने की दिशा में कदम उठाया है. राष्ट्रीय सहकार विकास निगम (NCDC) के माध्यम से सहकारी चीनी मिलों को कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने के लिए 2,182 करोड़ 69 लाख रुपये मार्जिन मनी लोन के रूप में स्वीकृत किए गए हैं. कुल मिलाकर, यह पूरक बजट राज्य के सर्वांगीण विकास और सामाजिक कल्याण योजनाओं को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है.
हंगामे के बीच महाराष्ट्र मानसून सत्र का आगाज़, पेश किए जाएंगे 12 विधेयक
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