School Chalo Abhiyan UP: उत्तर प्रदेश में अब कोई बच्चा स्कूल से बाहर नहीं रहेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि शिक्षा हर बच्चे का हक है और सरकार इसे हर हाल में उन तक पहुंचाएगी. इसी दिशा में अब 1 जुलाई से 15 जुलाई तक पूरे प्रदेश में स्कूल चलो अभियान का दूसरा चरण चलाया जाएगा.
इस अभियान के तहत हर सरकारी स्कूल को उत्सव की तरह सजाया जाएगा, बच्चों का तिलक फूलमालाओं और स्वादिष्ट खाने से स्वागत होगा. पहले ही सरकार ने हर जिले के लिए 2 लाख रुपये की धनराशि जारी कर दी है, ताकि इस अभियान को अच्छे से चलाया जा सके. बच्चों को स्कूल आने में खुशी महसूस हो इसके लिए पहले दिन मध्यान्ह भोजन में हलवा और खीर जैसे खास व्यंजन परोसे जाएंगे. सरकार का मानना है कि बच्चों को अगर प्यार और अपनापन मिलेगा तो वे खुद-ब-खुद स्कूल से जुड़ेंगे.
नाटक के जरिये बताया जाएगा लड़कियों की पढ़ाई का महत्वइस बार सरकार का ध्यान खासकर उन बच्चों पर है जो किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुके हैं या कभी स्कूल पहुंचे ही नहीं. इसके साथ ही बालिकाओं के नामांकन और उपस्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. मीना मंच के माध्यम से स्कूलों में कहानियों और नाटकों के जरिए लड़कियों की पढ़ाई का महत्व बताया जाएगा.
घर-घर जाकर होगा बच्चों का नामांकनअभियान के दौरान शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक और एसएमसी सदस्य घर-घर जाकर बच्चों का नामांकन कराएंगे. जो बच्चे ईंट-भट्ठों, झुग्गियों, रेलवे प्लेटफॉर्म या घुमंतू समुदाय से हैं, उन्हें चिन्हित कर स्कूल से जोड़ा जाएगा. सरकार का जोर जनजागरूकता पर भी है. स्कूलों में रैलियां, मुनादी, और सोशल मीडिया प्रचार के जरिए लोगों को अभियान से जोड़ा जाएगा. स्वयं सहायता समूह एनजीओ और स्थानीय प्रभावशाली लोग भी इस काम में भाग लेंगे.
खास बात यह है कि नामांकन का पूरा डेटा प्रेरणा पोर्टल और स्कूल रजिस्टरों में अपलोड किया जाएगा. 30 जुलाई तक हर स्कूल को रिपोर्ट अपडेट करनी होगी. प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गोष्ठियां और बैठकों के जरिए पूरे अभियान की समीक्षा की जाएगी. जो भी बच्चा स्कूल से बाहर मिलेगा उसे जोड़ने की रणनीति वहीं तय की जाएगी.
साल 2003 में हुई अभियान की शुरुआतउत्तर प्रदेश में स्कूल चलो अभियान की शुरुआत 2003 में हुई थी लेकिन योगी सरकार ने इसे एक सामाजिक आंदोलन में बदल दिया है. वर्ष 2017 के बाद से अब तक लाखों बच्चों को फिर से स्कूल जोड़ा गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में 1.61 करोड़ से अधिक बच्चे परिषदीय स्कूलों में नामांकित थे जबकि 2024 तक यह संख्या बढ़कर 2 करोड़ के पार हो चुकी है. सरकार का लक्ष्य है कि 6 से 14 साल का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.
स्कूल चलो अभियान केवल एक योजना नहीं बल्कि यह सरकार का संकल्प है कि शिक्षा हर बच्चे तक पहुंचे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि अगर कोई बच्चा स्कूल नहीं आ पा रहा है तो शिक्षा खुद उसके द्वार तक पहुंचे.
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यूपी में आज से शुरू होगा ‘स्कूल चलो अभियान’ का दूसरा चरण, हर बच्चे को मिलेगा पढ़ाई का हक
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