LJP Leaders Join Congress: बिहार की राजनीति में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के तीन दिग्गज नेताओं पार्टी छोड़ दी है. पूर्व विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अच्युतानंद, महासचिव नवल किशोर सिंह और अमरेंद्र कुमार चौधरी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. इन नेताओं के साथ सैकड़ों समर्थक भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
सोमवार (30 जून, 2025) को पटना स्थित बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय (सदाकत आश्रम) में मिलन समारोह का आयोजन किया गया था. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने सभी नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई. इसको लेकर कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा है, ‘बढ़ रहा है कारवां, बड़ा हो रहा है कांग्रेस का परिवार.’ कांग्रेस ने इस मौके को बिहार में बदलाव की दिशा में एक मजबूत कदम बताया.
मंच पर दिखी कांग्रेस की ताकत
इस कार्यक्रम में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. इनमें पूर्व विधायक भावना झा, अजय चौधरी, स्नेहाशीष वर्धन पाण्डेय, सत्येंद्र कुमार सिंह, रौशन कुमार सिंह और रवि गोल्डन जैसे चेहरों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी अहम बना दिया.
बढ़ रहा है कारवां , बड़ा हो रहा है कांग्रेस का परिवार।”आप सभी सम्मानित साथियों का यह निर्णय सिर्फ एक सदस्यता नहीं, बिहार में बदलाव की ओर एक संकल्प है।”आज बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम पटना में आयोजित मिलन समारोह में भाजपा के पूर्व विधायक सह LJP(R) के पूर्व… pic.twitter.com/1KeUfEOZAq
— Bihar Congress (@INCBihar) June 30, 2025
बदलाव की ओर बढ़ता कांग्रेस का दावा
प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि यह सिर्फ सदस्यता ग्रहण का मामला नहीं है, बल्कि यह बिहार में बदलाव की ओर उठाया गया एक सशक्त कदम है. पार्टी का दावा है कि जनता का भरोसा कांग्रेस की ओर लौट रहा है और आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर साफ दिखेगा.
एलजेपी (रामविलास) के इन तीन नेताओं का कांग्रेस में जाना सिर्फ पार्टी के लिए नहीं, बल्कि पूरे एनडीए खेमे के लिए एक झटका माना जा रहा है. जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में और भी कई नेता पाला बदल सकते हैं.
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं. जहां एनडीए विकास के मुद्दों को लेकर जनता तक पहुंच रही है, वहीं विपक्षी गठबंधन कानून व्यवस्था और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठा रही है. इसी बीच, नेता एक पार्टी से दूसरी में जा रहे हैं और सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. अब देखना यह होगा कि कांग्रेस का यह कुनबा आने वाले चुनाव में उसे कितना फायदा पहुंचाता है.