Chandrashekhar Azad News: उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने प्रयागराज में हुई हिंसा में आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी की कोई भी भूमिका होने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि वहां की पुलिस और स्थानीय नागरिकों ने उन्हें बदनाम करने के लिए हिंसा फैलाई है इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. वहीं जब पत्रकारों ने इस मुद्दे पर उनसे सवाल किया तो वो बुरी तरह बौखला गए और मुकदमा करने की धमकी तक दे डाली.
प्रयागराज में हुई हिंसा के बाद सोमवार को चंद्रशेखर आजाद मुजफ्फरनगर पहुंचे थे जहां उन्होंने महाभारत कालीन शुक्रताल में स्थित बाबा समान दास की गद्दी के विवाद को सुलझाने के लिए संतो से बात की. इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों से बात करते हुए कहा कि वो कौशांबी में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें सर्किट हाउस में डिटेन कर लिया. जिसकी वजह से वो पीड़ित परिवार से नहीं मिल पाए.
‘स्थानीय लोगों और पुलिस ने मिलकर की हिंसा’नगीना सांसद ने सवाल किया कि ऐसा वहां क्या था जो उन्हें पीड़ितों से मिलने से रोका गया. वहां पर क्या छुपाया जा रहा है. इसका जवाब यूपी पुलिस अधिकारियों को देना चाहिए. हम अंबेडकर साहब को मानने वाले लोग हैं. हम कभी हिंसा का न सहारा लेते हैं ना कभी हिंसा में शामिल होते. कमजोर वर्गों के लोगों पर हिंसा का आरोप लगाना सबसे आसान काम है. मैंने बहुत सारी वीडियो देखी है जिसमें पुलिस के साथ मिलकर वहीं के स्थानीय लोग पथराव कर रहे हैं. बहुत सारी गाड़ियां जलने की तस्वीरें भी आई हैं.
उन्होंने कहा कि मैं इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग करता हूं. जो दोषी हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. जो गाड़ियां जली हैं वो हमारी हैं, हमारे लोगों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और पथराव किया है. ये स्थानीय लोगों और पुलिस की मिली भगत से हुआ है. सीबीआई जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. भीम आर्मी का जो वर्चस्व बढ़ रहा है इसलिए उनके लोगों को चिन्हित कर झूठे मुकदमे लगाए जा रहे हैं. लेकिन, हम डरने वाले नहीं है. अगर हमारे कार्यकर्ताओं को परेशान किया गया तो इस बार आंदोलन लखनऊ में होगा. हम सीएम आवास का घेराव करेंगे. यूपी विधानसभा के सामने भी विरोध प्रदर्शन करेंगे.
पत्रकार को दी मुकदमा लगाने की धमकीइस दौरान जब एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया तो आसपा सांसद ने कहा कि सोच समझ कर बोलो हवा में बात नहीं करनी चाहिए. टीआरपी के लिए लोग पता नहीं क्या-क्या बोलते हैं. मुख्यमंत्री ने अगर मेरा नाम लिया तो बताओ वरना मैं तुम्हारे खिलाफ एफआईआर कर दूंगा कि मेरे खाते से लिया जाएगा बताओ मेरा नाम लिया क्या मैं फिर आपसे कह रहा हूं मेरे ऊपर इससे बड़ा आरोप लगा था जब हाथरस की घटना हुई थी.
इनपुट- अभिषेक बेनीवाल
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