यमुनानगर में सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान लापरवाही के चलते महिला के गर्भ में सर्जिकल स्पंज (पट्टी) छोड़ने के मामले में अभी तक प्रशासन द्वारा आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मामले में गठित जांच कमेटी की मंगलवार को फिर से मीटिंग हुई, जिसमें पंचकुला के ओजस अस्पताल से तीन डॉक्टरों की टीम अपने बयान दर्ज कराने के लिए पहुंची। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन के दौरान महिला के गर्भ से पट्टी निकालने का वीडियो भी कमेटी को सौंपा। पेन ड्राइव मे सौंपे डॉक्यूमेंट बताया जा रहा है कि डेढ़ से दो घंटे ओजस अस्पताल के डॉक्टरों से पूछताछ की गई। वहीं अन्य भी कई डॉक्यूमेंट पेन ड्राइव में जांच कमेटी को सौंपे गए। शिकायककर्ता गांव बीबीपुर वासी ओसामा ने बताया टीम में ओजस अस्पताल पंचकुला से सर्जन डॉ. मुकेश गोयल, गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. दीपशिखा व अन्य डॉक्टर आए हैं। ओसामा ने बताया कि पंचकुला से डाक्टरों की टीम को पहले भी दो बार बुलाया जा चुका था, लेकिन किसी कारणवश टीम सदस्य उपस्थित नहीं हो पाए थे। वे मामले में एक सप्ताह पहले भी जांच कमेटी के चेयरमैन एसडीएम सोनू राम से मिले थे, जिस पर उन्होंने मंगलवार को टीम को कमेटी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो देंगे धरना ओसामा ने कहा कि उन्हें आरोपी डाक्टरों के खिलाफ शिकायत सौंपे पूरा एक माह हो चुका है, लेकिन अभी तक कमेटी सिर्फ जांच ही कर रही है। सभी आरोपी डॉक्टर अभी भी धडल्ले से अपने-अपने अस्पतालों में ऑपरेशन करने में लगे हुए हैं। ओसामा का आरोप है कि मामले में एक आरोपी जोकि सिविल अस्पताल में डिप्टी सीएमओ पद पर तैनात है जांच को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है। ओसामा ने कहा कि यदि कमेटी जल्द ही जांच करके आरोपियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेती तो वे लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। यह था मामला यमुनानगर में एक निजी अस्पताल की महिला डॉक्टर की लापरवाही से मेहर खातून नामक मरीज के गर्भ में सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान सर्जिकल स्पंज (पट्टी) छोड़ दी गई। ऑपरेशन 13 मार्च 2025 को हुआ, जिसके बाद मेहर को 15 मार्च को छुट्टी मिली। कुछ दिनों बाद दर्द होने पर अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन कराए। आरोप है कि यमुनानगर के डायग्नोस्टिक सेंटरों ने मिलीभगत कर नॉर्मल रिपोर्ट्स बनाई। ढाई माह तक दर्द झेलने के बाद 21 मई को पंचकुला के ओजस अस्पताल में पता चला कि गर्भ में पट्टी है। 24 मई को ऑपरेशन कर आंत काटकर पट्टी निकाली गई। दो जून को परिजनों ने आरोपी महिला डॉक्टर, उसके पति (डिप्टी सिविल सर्जन), दो डायग्नोस्टिक सेंटर संचालकों और मॉडल टाउन के एक अन्य प्राइवेट डॉक्टर के खिलाफ जांच कमेटी गठित कर लाइसेंस रद्द करने की मांग की। पीड़ित पक्ष की शिकायत पर डीसी पार्थ गुप्ता ने चार मेंबर की टीम बनाकर जांच कमेटी गठित की जोकि पूरे मामले की जांच कर रही है। इस कमेटी का चेयरमैन एसडीएम सोनू राम को बनाया गया।
यमुनानगर में महिला के गर्भ में पट्टी छोड़ने का मामला:जांच कमेटी के समक्ष पंचकुला के डॉक्टर हुए पेश, सौंपे वीडियो
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