हरियाणा के कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का पानी गांवों में घुसने लगा है। रात नैसी गांव के पास मारकंडा नदी का तटबंध टूट गया। करीब 15 से 20 फुट चौड़े हिस्से में तटबंध टूटने के बाद नदी का तेज बहाव खेतों की ओर मुड़ गया और देखते ही देखते खेत पानी में डूब गए। इससे खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गईं। अंधेरा होने की वजह से यह अंदाजा नहीं लग पाया कि कितने खेत पानी में डूबे गए। सूचना मिलते ही किसान भी मौके पर पहुंचे और खुद तटबंध को दोबारा बांधने की कोशिश की, लेकिन मारकंडा का पानी तेजी से खेतों में फैल गया। प्रशासन को सूचना दी
रात को ही प्रशासन को सूचित कर दिया गया, लेकिन कोई राहत टीम मौके पर नहीं पहुंची। ग्रामीणों और किसानों में भारी गुस्सा है। ग्रामीणों के मुताबिक कि पिछले साल 2023 में भी नैसी में तटबंध टूटा था, उसके बावजूद इस बार मानसून से पहले कोई तैयारी नहीं की गई। मानसून से पहले तैयारी नहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हर बार बारिश के बाद यही हाल होता है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं हुआ और न ही कोई अधिकारी मारकंडा नदी की पटरी का मुआयना करने आया। साल 2023 में भी नदी का तटबंध टूटा था। फिर भी प्रशासन की ओर से कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए। मारकंडा का जलस्तर घटा
उधर, शाहाबाद इलाके में राहत की खबर यह है कि मारकंडा नदी का जलस्तर गिरने लगा है। सोमवार को नदी का जलस्तर 23 हजार क्यूसेक था, जो आज सुबह घटकर करीब 5 हजार क्यूसेक रह गया। हालांकि, पहाड़ों में बारिश दोबारा शुरू हुई तो खतरा फिर बढ़ सकता है। 6 गांवों में घुसा पानी सोमवार को शाहाबाद के कठवा, गुमटी, कलसाना, मलकपुर, मुगल माजरा और तंगौर में मारकंडा नदी का पानी ओवरफ्लो हो गया। इस वजह से नदी का पानी इन गांवों से होकर खेत तक पहुंच गया, जिससे यहां करीब 1800 एकड़ फसलें डूब गई।
कुरुक्षेत्र में मारकंडा का तटबंध टूटा:20 फुट चौड़ा हिस्सा बहा; खेतों में घुसा पानी; फसलें डूबीं; कम हो रहा नदी का जलस्तर
1