कितनी में मात्रा शराब पीना सेफ है? ये एक ऐसा सवाल है कि जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता है. लेकिन इससे पहले ये जानना जरूरी है कि इसके सेवन से शरीर पर क्या असर पड़ता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार शरीर के महत्वपूर्ण ऑर्गन पर शराब का असर पड़ता है. ये असर कितना खतरनाक हो सकता है और शराब के सेवन पर दुनिया के प्रमुख हेल्थ संगठनों की क्या सलाह है? आइए जानते हैं…
अल्कोहल कितना सेफ?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने अल्कोहल को ग्रुप 1 कार्सिनोजेन (कैंसर का जोखिम बढ़ाने वाले तत्व) में रखा है. इस हाईएस्ट रिस्क ग्रुप में एस्बेस्टस, रेडिएशन और टोबैको भी शामिल हैं. जब बाॅडी में अल्कोहल पहुंचता है तो इथेनॉल डाजेस्टिव सिस्टम में एसीटैल्डिहाइड में बदल जाता है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है.
कितनी मात्रा में शराब का सेवन करें?
रिचर्स रिपोर्ट्स की मानें तो काफी स्टडी के बाद भी इस सवाल का जवाब संदेह से भरा है. एक्सपर्ट्स की मानें तो कम मात्रा में शराब का सेवन करने वालों में भी हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार अल्कोहल से होने वाले कैंसर में आधे केसेज कम और सीमित मात्रा में शराब के सेवन से सामने आते हैं.
शराब से रिस्क
शराब पीने के जोखिम को इस कदर समझा जा सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर कोई व्यक्ति हफ्ते में 14 यूनिट शराब पीता है, ऐसे लोगों में माैत का रिस्क कम होता है. अल्कोहल से होने वाली 1000 माैतों में से एक व्यक्ति 14 यूनिट शराब पीने वाला होता है. अगर कोई शराब का सेवन इससे अधिक करता है, तो अल्कोहल से होने वाली हर 300 माैतों में से एक व्यक्ति 14 यूनिट से अधिक शराब पीने वाला होता है.
शराब से होने वाले नुकसान
बातों को भूलने लगते हैं: शराब के सेवन से डिप्रेशन, एंक्जाइटी और नींद की समस्या हो सकती है. इसका असर याददाश्त पर भी पड़ने लगता है. निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होने लगती है. लंबे समय तक ऐसा रहने से स्थिति गंभीर हो सकती है.
हार्ट पर असर: शराब पीने से बाॅडी में ब्लड प्रेशर अनकंट्रोल्ड हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है. हार्ट रेट अनियमित होने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
लिवर खराब हो जाता है: शराब का लिवर पर प्रभाव पड़ेता है. फैटी लिवर की प्राॅब्लम से जूझना पड़ता है. ध्यान नहीं देने पर ये हेपेटाइटिस और सिरोसिस के रूप में सीवियर हेल्थ प्राॅब्लम बन जाती है.
कैंसर का खतरा: डब्ल्यूएचओ ने शराब को ग्रुप 1 कार्सिनोजेन में रखा है. इससे ब्रेस्ट, बाउल, मुंह, खाने की नली, अपर थ्रोट, स्वरयंत्र (वाॅयस बाॅक्स) और लिवर में कैंसर होने का जोखिम रहता है.
बिगड़ जाता है डाइजेशन: शराब का असर शरीर के डाइजेस्टिव सिस्टम पर भी पड़ता है. भूख कम लगना, पेट में जलन, अल्सर, पैन्कि्रयाज पर सूजन आदि प्राॅब्लम का सामना करना पड़ सकता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.