हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के छोटे से गांव की 14 साल की गीतांजलि यू-ट्यूब और इंस्टाग्राम पर रील देखकर डांस सीखती रही, और अब वो पूरे नॉर्थ इंडिया के रियलिटी शो किसमें कितना है दम की डांसिंग स्टार बन गई। गीतांजलि ने संगरूर (पंजाब) के धुरी में 27 जून को हुए ग्रैंड फिनाले में नॉर्थ इंडिया के 7 राज्यों के हजारों बच्चों को पीछे छोड़कर जीत की ट्राफी को चूमा। पिहोवा के भट्ठ माजरा (सरस्वती खेड़ा) की गीतांजलि की कहानी जितनी मोटिवेशनल है, उतनी ही भावुक भी। उसके पिता मोहन लाल पैरालाइज्ड हैं और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसकी मां सुख देवी पर है। परिवार की आर्थिक हालत कमजोर है। करीब 4 महीने पहले शो के बीच में उसकी मां को काम के लिए इटली जाना पड़ा। 2018 में ऑस्ट्रेलिया से लौटे साल 2016 में गीतांजलि का पूरा परिवार ऑस्ट्रेलिया के सिडनी चला गया था। यहां सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन गीतांजलि को स्किन की गंभीर समस्या हो गई। करीब 2 साल बाद मजबूरी में पिता को छोड़ बाकी परिवार को लौटना पड़ा, मगर परिवार के आने के बाद उसके पिता को पैरालाइज हो गया। इलाज से नहीं पड़ा असर तब गीतांजलि की मां सुख देवी वापस अपने पति की मदद के लिए ऑस्ट्रेलिया चली गईं, लेकिन उसके पति की हालत में कोई ज्यादा सुधार नहीं हुआ तो दोनों घर लौट आए। पिता के इलाज और घर खर्च की वजह से परिवार अपने बच्चों की स्कूल की फीस तक नहीं भर पा रहा था। दूसरे स्कूल में डाला बच्चों की स्कूल फीस नहीं भरी गई तो परिवार ने उनको पिहोवा के बोधनी गांव के रोज पब्लिक स्कूल में दाखिल करवा दिया। स्कूल के एमडी जसपाल गिल ने परिवार की हालत को देखते हुए गीतांजलि, उसकी छोटी बहन कीर्ति (9) और रिहान (7) को बिना कोई फीस लिए पढ़ाने की छूट दी। मोबाइल स्क्रीन से सफर शुरू अक्तूबर में गीतांजलि के टैलेंट को देखते हुए स्कूल की तरफ से शो के लिए उसका फॉर्म भर दिया गया। स्कूल की टीचर सोनिया ने उसे डांस के कुछ स्टेप्स बताए, लेकिन बीच में वे विदेश चली गईं। तब गीतांजलि का सफर उसके घर के चौबारे पर बने कमरे और मोबाइल स्क्रीन से शुरू हुआ। सब वीडियो देखकर सीखा गीतांजलि ने बताया कि उसे डांस का बचपन से ही शौक है। उसने शो के लिए खुद तैयारी करने की सोची और अपनी मां के मोबाइल में यू-ट्यूब और इंस्टाग्राम पर डांस की रील्स और वीडियो देखनी शुरू कर दी। उसने कोरियन पॉप स्टार लीजा (ब्लैक पिंक) की रील देखकर कई स्टेप्स सीखे। कोचिंग ना कोई गुरु गीतांजलि बताती है कि उसने हिप-हॉप, कोरियन, कथक, क्लासिकल और बॉलीवुड डांस इंटरनेट से ही जाना। वह डांस की कोचिंग लेती, लेकिन परिवार के इस तरह के हालात नहीं थे। शो में कोचिंग मिल रही थी, लेकिन उसके लिए भी चार्ज देने थे। उसने किसी से कोचिंग नहीं ली और न ही उसका कोई गुरु रहा। सभी ऑडिशन फर्स्ट क्लास में गए उसका पहला ऑडिशन 12 नवंबर को हुआ। कुरुक्षेत्र में 2 दिन चले ऑडिशन में 3 हजार बच्चों में उसको भी सेलेक्ट किया गया। फिर 15 दिसंबर को कुरुक्षेत्र में ही शो के लिए क्वार्टर फाइनल हुआ। इस चयन के बाद उसकी उम्मीद और बढ़ गई। 150 बच्चों में हुआ कॉम्पीटीशन 13 जनवरी को उनका सेमीफाइनल हुआ, जिसमें 150 बच्चों को चुना गया। अब ग्रैंड फिनाले के लिए उनको संगरूर ले जाया गया। इस बीच उसकी मां को इटली में काम का ऑफर आ गया और शो के बीच में उनको जाना पड़ा। तब उसकी मौसी रितु शो के लिए उसके पास पहुंचीं। 3 सॉन्ग मिक्स कर डांस किया शो में गीतांजलि ने इल्लीगल वेपन 2.0, रूढ़ बॉय और I am the best जैसे ट्रेंडी सॉन्ग्स पर परफॉर्म किया। उस समय ये सॉन्ग्स काफी वायरल हो रहे थे। उसने वायरल सॉन्ग्स के स्टेप्स देखकर और खुद कुछ स्टेप्स बनाकर परफॉर्म किया। उसकी परफॉर्मेंस बहुत अच्छी गई और उसे शो के लिए नॉर्थ इंडिया का बेस्ट डांसर चुना गया। बचपन से डांस का शौक गीतांजलि ने बताया कि डांस मुझे बचपन से पसंद था। मां हमेशा मोटिवेट करती थीं। अब वो इटली में हैं, तो मेरी देखभाल मेरी नानी इशरो देवी कर रही हैं, जो कैथल के कांगथली से आकर हमारे साथ रहती हैं। शो की दूसरी फाइनलिस्ट देहरादून की रिया बनी, जिसने दुर्गा मां का डांस प्ले किया था। फिल्म के लिए ऑफर आया गीतांजलि को एक पंजाबी फिल्म के लिए ऑफर भी आया है। फिल्म के लिए उससे वीडियो मंगवाई गई है। इसके लिए उसे 4 स्क्रिप्ट भेजी गई हैं। वह जल्दी वीडियो बनाकर भेजेगी। गीतांजलि का सपना कोरियन पॉप आइडल बनकर दुनिया में नाम कमाना है। यकीन था मैं ही विनर बनूंगी गीतांजलि ने कहा उसे यकीन था, मैं ही जीतूंगी। क्योंकि, जिस बच्चे को लगता है कि उसमें दम है, उसे जीतने से कोई नहीं रोक सकता। स्कूल के एमडी जसपाल गिल बताते हैं कि गीतांजलि डांस में ही नहीं, बल्कि पढ़ाई में भी काफी होशियार है। उसका टैलेंट गॉड-गिफ्टेड है।
यू-ट्यूब से सीखकर डांसिंग स्टार बनी गीतांजलि:बगैर कोचिंग-गुरु के रियलटी शो किसमें-कितना है दम जीता; पंजाबी फिल्म का ऑफर आया
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