Sawan Amavasya 2025: सावन अमावस्या 2025 में कब ? जानें स्नान-दान मुहूर्त और पितृ तर्पण महत्व

by Carbonmedia
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Sawan Amavasya 2025: शिव जी के प्रिय सावन को मोक्ष और मनोकामना प्राप्ति का महीना बताया गया है. इस माह में आने वाले सभी व्रत त्योहार का विशेष महत्व है. सावन इस साल 11जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है. सावन में आने वाली अमावस्या को श्रावण अमावस्या और हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है.
सावन अमावस्या का दिन पितर धरती पर आते हैं, ऐसे में जो लोग इस दिन तर्पण और श्राद्ध कर्म करते हैं उन्हें पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह जीवनकाल तक सुख भोगते हैं. आइए जानते हैं इस साल सावन अमावस्या कब है, पूजन मुहूर्त क्या है.
2025 में सावन अमावस्या कब है ?
इस साल सावन अमावस्या 24 जुलाई 2025 को है. ये पर्व हरियाली तीज से तीन दिन पहले आता है. इस दिन शिव मंदिर के अलाव मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है क्योंकि हरियाली अमावस्या पर यहां विशेष फूल बंगला सजाया जाता हैं.
सावन अमावस्या 2025 मुहूर्त
सावन अमावस्या 24 जुलाई 2025 को प्रात: 2 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 25 जुलाई 2025 को प्रात: 12 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी.

स्नान-दान मुहूर्त –
शुभ – सुबह 5.38 – सुबह 7.20
चर- सुबह 10.35 – दोपहर 12.27
लाभ – दोपहर 12.27 – दोपहर 2.10

सावन अमावस्या पर दुर्लभ संयोग
सावन अमावस्या पर शास्त्रों में वर्णित सबसे अहम गुधि रु पुष्य योग का संयोग बन रहा है. इसके अलावा अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और हर्षण योग भी रहेगा.

गुरु पुष्य योग
शाम 4.43 – 25 जुलाई, सुबह 5.49

हर्षण योग
23 जुलाई, दोपहर 12.34 – 24 जुलाई, सुबह 9.51

सर्वार्थ सिद्धि योग
पूरे दिन

अमृत सिद्धि योग 
शाम 4.43 – 25 जुलाई, सुबह 5.49

सावन अमावस्या पर क्या करने से पुण्य मिलेगा

सावन में पड़ने वाली अमावस्या के दिन पौधे लगाने का विधान है. इससे न सिर्फ पितर बल्कि शिव गौरी भी प्रसन्न होते हैं.
इस दिन पीपल का पौधा जरुर लगाएं. इस दिन पीपल का पौधा लगाने से आपके  पितृ खुश होते हैं औप आपके जीवन से संकटों का अंत होता है. साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
सावन अमावस्या पर जो लोग तर्पण और दान करते हैं मान्यता है इससे जन्मों-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं, सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. पूर्वजों के अलावा देवता, ऋषियों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं और जलाभिषेक करें.

Sawan 2025: सावन में शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं ? खड़े या बैठकर
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 
 

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