शिवसेना उद्धव कैंप ने पार्टी चुनाव चिन्ह के मामले पर जल्द सुनवाई की मांग सुप्रीम कोर्ट में रखी है. उद्धव के वकील ने स्थानीय निकाय चुनाव के चलते सुनवाई को जरूरी बताया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे तुरंत सुनने से मना कर दिया. जस्टिस एम एम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि 16 जुलाई को मामला नियमित बेंच के सामने लगेगा.
ध्यान रहे कि 17 फरवरी 2023 को चुनाव आयोग ने शिवसेना पर एकनाथ शिंदे के दावे को सही पाया था. आयोग ने शिवसेना का मूल चुनाव चिन्ह ‘तीर-धनुष’ शिंदे गुट को आवंटित कर दिया था. उद्धव खेमा इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. तब से मामला लंबित है. बुधवार (2 जुलाई, 2025) को उद्धव की तरफ से वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने स्थानीय चुनाव का हवाला देते हुए जल्द सुनवाई की मांग की.
तुरंत सुनवाई की मांग का विरोध करते हुए शिंदे कैंप के वकील ने कहा कि चुनाव चिन्ह आवंटन के बाद 2 अहम चुनाव (लोकसभा और विधानसभा) हो चुके हैं. 7 मई को भी जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली नियमित बेंच के सामने यही मांग रखी गई थी. बेंच ने जल्द सुनवाई से मना कर दिया था. अब एक बार फिर अवकाशकालीन बेंच के सामने वही प्रयास किया जा रहा है.
उद्धव के वकील ने कहा कि वह वैसी ही व्यवस्था की मांग कर रहे हैं, जैसा एनसीपी के शरद पवार-अजित पवार विवाद में दी गई है. इस पर जजों ने कहा कि वह अपनी बात 16 जुलाई को रखें. ध्यान रहे कि एनसीपी के अजित पवार गुट को चुनाव आयोग ने पार्टी का मूल चुनाव चिन्ह घड़ी आवंटित किया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक तो नहीं लगाई, लेकिन आदेश दिया था कि अजित पवार अपने विज्ञापनों में मामले के न्यायालय में विचाराधीन होने की बात लिखते रहें.
उद्धव गुट ने ‘तीर-धनुष’ पर अपने दावे की जल्द सुनवाई की मांग की, सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई की तारीख दी
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