थाईलैंड की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आया है. देश की 38 वर्षीय प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा को मंगलवार को थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने निलंबित कर दिया है. यह फैसला एक लीक हुई फोन कॉल के बाद आया, जिसमें उन्होंने पड़ोसी देश कंबोडिया के एक वरिष्ठ राजनेता से बातचीत की थी. इस कॉल में उन्होंने थाई सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी की आलोचना की थी, जो थाईलैंड में सेना के प्रभाव को देखते हुए बड़ा मुद्दा बन गया.
पैटोंगटार्न पर आरोप है कि उन्होंने कंबोडिया के सीनेट अध्यक्ष हुन सेन से फोन पर बातचीत के दौरान थाई सेना के एक जनरल की आलोचना की. यह कॉल 15 जून को हुई थी और लीक होते ही विवाद का कारण बन गई. यह सब उस समय हुआ जब थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद गहराया हुआ था और मई में एक झड़प में कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी.
हालांकि पैटोंगटार्न ने माफी मांग ली थी और कहा कि यह एक राजनयिक रणनीति थी ताकि सीमा पर हिंसा को रोका जा सके. फिर भी हजारों की संख्या में थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में लोगों ने प्रदर्शन कर उनके इस्तीफे की मांग की.
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अदालत का फैसला और सरकार का संकट
संवैधानिक अदालत ने 7-2 के बहुमत से पैटोंगटार्न को सस्पेंड किया है. उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है जिसमें वे अपने पक्ष में सबूत पेश कर सकती हैं. इस दौरान उप-प्रधानमंत्री सुरिया जुआंगरुंगरुआंगकिट कार्यवाहक प्रधानमंत्री की भूमिका निभाएंगे.
वहीं, सरकार को भी बड़ा झटका लगा है. पैटोंगटार्न की लीक कॉल के बाद एक सहयोगी पार्टी ने समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी है, जिससे बहुमत खतरे में पड़ गया है.
क्या पढ़ाई की है पैटोंगटार्न ने?
राजनीति में आने से पहले पैटोंगटार्न ने चुलालोंगकोर्न यूनिवर्सिटी से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली थी, जिसमें उन्होंने समाजशास्त्र और मानवशास्त्र को विशेष विषय के रूप में पढ़ा. इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ सरे से अंतरराष्ट्रीय होटल प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की. उनकी शुरुआती पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल और फिर मैटर डे स्कूल से हुई थी.
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