कभी कॉफी मशीन के पास हल्की मुस्कान, कभी वॉटर कूलर के पास टकराती नजरें… और कभी एक्सेल शीट की लाइनों के बीच दिल की कुछ अनकही बातें. जी हां, ऑफिस अब सिर्फ काम की जगह नहीं रह गया. यहां दिल भी धड़कने लगे हैं. एक दौर था जब प्यार घर के बंधनों से दूर स्कूलों और कॉलेजों में हुए करते थे, लेकिन यह उस दौर की बात थी जो अब बीत चुका है. आज 2025 चल रहा है दुनिया एक नए दौर में है. जहां आज की युवा पीढ़ी अब स्कूलों और कॉलेजों से दूर निकलकर ऑफिस में प्यार तलाश रही है. वर्कप्लेस पर प्यार की तलाश अब सीमित नहीं रही यह कल्चर तेजी से बढ़ रहा है.
यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इसको लेकर किए गए कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि अब अनमैरिड के साथ साथ मैरिड लोग भी दफ्तरों में कलिग के साथ प्यार का इलू इलू कर रह हैं. सबसे हैरानी वाली बात यह है कि यह दुनिया के बाकी देशों की तरह भारत में भी यह काफी सामान्य हो रहा है. चलिए, आपको स्टडी के खुलासों के बारे में बताते हैं.
सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा
फोर्ब्स एडवाइजर की एक सर्वे के अनुसार, 100 में से 60 कर्मचारी किसी न किसी तरह इस दफ्तर वाले प्यार का हिस्सा बन रहे हैं. इनमें से 40 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो अपने पति-पत्नी या फिर जिस प्रेमी- प्रेमिका के साथ उन्होंने साथ जीने मरने का वादा किया है उसको धोखे में रखकर चोरी छिपे इस प्यार के रिश्ते को चला रहे हैं. फोर्ब्स एडवाइजर की तरफ से साल 2023-24 में यूएस में किए गए इस सर्वे में यह पता चला था कि 60 प्रतिशत एडल्ट ऐसे हैं जो ऑफिस वाले रोमांटिक रिश्ते में रहते हैं.
50 प्रतिशत कर्मचारी अपने साथ काम करने वाले को-वर्कर के साथ फ्लर्ट करते हैं. इनमें से 40 प्रतिशत ऑफिस वाला प्यार अपने पार्टनर को धोखे में रखकर किया जाता है. इसके अलावा 57 प्रतिशत ऐसे कर्मचारी थे जिन्होंने यह माना कि इससे उनके काम पर असर पड़ा है. कई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारत के बड़े शहरों में दफ्तर वाले प्यार में काफी ग्रोथ हुआ है. पूरी दुनिया सहित भारत में इस तरह 20 से 25 प्रतिशत बड़े शहरों में काम करने वाले कर्मचारियों ने यह माना है कि उनका साथ काम करने वाली या वाले कर्मचारी के प्रति लगाव हुआ है.
क्यों बढ़ रहा ऑफिस वाले प्यार का कल्चर
ऑफिस वाले प्यार का कल्चर कई कारणों से बढ़ रहा है. फोर्ब्स के सर्वे में शामिल 2000 में से 61 प्रतिशत इंप्लॉई के अनुसार, काम के बाद उनके पास इतना समय ही नहीं बचता कि वे बाहर जाकर अपने लिए पार्टनर की तलाश कर सकें. यही कारण है कि वे अपने ऑफिस में ही किसी में अपने प्यार की तलाश करते हैं. 65 प्रतिशत लोगों का मानना था कि ऑफिस में रोमांटिक रिश्ता बनाकर रखने में आसानी होती है. 59 प्रतिशत लोगों का मानना था कि एक जैसे काम करने वाले लोगों के साथ रिश्ता रखना सही फैसला होता है.
38 प्रतिशत लोगों का मानना था कि इससे उनका मन ऑफिस में लगा रहता है और काम करने में काफी मजा आता है. 28 प्रतिशत लोगों का यह कहना था कि ऑफिस वाले प्यार में पार्टनर के साथ बातचीत करने में आसानी होती है. इसके अलावा 9 से 12 घंटे एक दूसरे के साथ बिताने के चलते रिश्ते अच्छे बनने लगते हैं. धीरे धीरे इतना वक्त साथ बिताने के बाद लोग काफी क्लोज आ जाते हैं एक दूसरे से अपनी बातें शेयर करने लगते हैं. पहले दोस्ती फिर यह रिश्ता प्यार में बदल जाता है. इसके अलावा टेक्नोलॉजी जैसे वाट्सएप ने इस तरह के रिश्ते को बढ़ाने में काफी अहम रोल प्ले किया है.
काम पर पड़ रहा असर
शकील बदायूनी की एक गजल है- प्यार किया तो डरना क्या जब प्यार किया तो डरना क्या, प्यार किया कोई चोरी नहीं की छुप छुप आहें भरना क्या. इस लाइन का यह मतलब है कि प्यार में पड़ने के बाद इंसान के अंदर का डर खत्म हो जाता है. कुछ ऐसा ही वर्क प्लेस पर भी देखने को मिल रहा है. दफ्तर वाले इस इश्क से इंसान का काम उलझता जा रहा है और काम करने की प्रोडक्टिविटी पर भी इसका गहरा असर देखने को मिल रहा है. लोग पार्टनर के साथ समय बिताने के चक्कर में काम को जल्दी खत्म कर रहे हैं. फोर्ब्स के सर्वे के अनुसार, 62 प्रतिशत प्रेमी अपने प्रेम का खुलासा अपने सीनियर और एचआर के साथ शेयर करते हैं.
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