हार्ट अटैक आने के बाद कितनी देर तक दबानी चाहिए छाती? ये हैं CPR के नियम

by Carbonmedia
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हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के केस तेजी से सामने आ रहे हैं. कोई डांस करते हुए अचानक गिर जाता है तो किसी का एक्सरसाइज के दाैरान हार्ट काम करना बंद कर देता है. ऐसे में कुछ ही पल में व्य​क्ति की माैत हो जाती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि इस लाइफ ​थ्रेट से निपटा नहीं जा सकता. अगर समय रहते व्य​क्ति को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दे दिया जाए, तो सांसें लाैट सकती हैं. आ​खिर ये सीपीआर क्या है? और हार्ट को फिर धड़कने के लिए कैसे मजबूर कर देता है? आइए इस बारे में जानते हैं…
लाैट सकती हैं सांसें
हार्ट डिजीज का रिस्क तेजी से बढ़ा है. कई लोग पहले से इस समस्या से जूझ रहे होत हैं, कई केस में अचानक से हार्ट की मशीनरी धोखा दे जाती है. असर हार्ट अटैक या फिर कार्डियक अरेस्ट के रूप में सामने आता है. इस ​स्थिति में 10 मिनट के अंदर ही कार्डियो पल्‍मोनरी रिससिटेशन यानि सीपीआर दे दी जाए, तो 50 फीसदी से ज्‍यादा लोगों को बिना अस्‍पताल ले जाए भी बचाया जा सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्‍ट आते ही एकदम व्‍यक्ति की मौत नहीं होती. इसमें थोड़ा समय लगता है. इस दौरान तुरंत ही सीपीआर देकर हार्ट को एक्टिव किया जा सकता है. इससे ब्रेन व शरीर के अन्‍य अंगों में ऑक्‍सीजन पहुंचने लगती है. ऐसे में व्‍यक्ति की सांसें लाैट सकती हैं.
कब देना चाहिए सीपीआर?

अगर किसी व्य​क्ति के बेहोश होते ही सांस चली जाती है तो मान लें कि उसे कार्डियक अरेस्‍ट या हार्ट अटैक हुआ है.
मरीज की हाथ और गर्दन की नब्‍ज टटोल कर देखें, अगर नब्‍ज नहीं आ रही है तो मान लें कि दिल का दौरा पड़ा है.
अगर हाथ, पैर या कोई अंग मूवमेंट नहीं कर रहा तो यह हार्ट अटैक का संकेत है. 

सीपीआर देने का आसान तरीका

मरीज को तत्‍काल किसी समतल जगह पर पीठ के बल सीधा लिटा दें.
अब अपने एक हाथ के ऊपर दूसरे हाथ को रखें. दोनों हाथों को मरीज के सीने के बीचों-बीच में रखें. कोहनी को एकदम सीधा रखें.
हाथों पर वजन देकर जोर-जोर से दबाएं. ऐसा एक एक मिनट में कम से कम 100 बार करने की कोशिश करें.
30 बार सीने को दबाने के बाद दो बार मुंह से मुंह में सांस दें. इसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं.
हथेली से छाती को एक से दो इंच तक दबाने के बाद सामान्‍य स्थिति में भी आने दें. ऐसा तब तक करें जब तक कि मरीज की सांस वापस न आ जाए या वह मेडिकल इमरजेंसी तक न पहुंच जाए.
इस तरह स्पीड में पंपिंग करने से हार्ट में ब्लड फ्लो आ जाता है और कार्डिक अरेस्ट वाले इंसान की जान बच सकती है.

ये भी पढ़ें: हर घंटे 100 लोगों की जान ले रहा अकेलापन, जानें यह बीमारी कितनी खतरनाक और लोगों को कैसे बनाती है अपना शिकार?
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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