यमुनानगर में दादूपुर-नलवी नहर के डी-नोटिफिकेशन से भारी नुकसान:प्रभावित किसानों ने उजागर की समस्याएं, बोले: नहरी पानी से सैकड़ों एकड़ फसल हुई बर्बाद

by Carbonmedia
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हरियाणा सरकार द्वारा यमुनानगर में दादूपुर-नलवी नहर परियोजना को डी-नोटिफाई करने का निर्णय किसानों के लिए भारी मुसीबत का सबब बन गया है। हाल की भारी बारिश ने इस समस्या को और गंभीर कर दिया है, जिसके चलते नलवी नहर का पानी खेतों में भर गया और सैकड़ों एकड़ में खड़ी धान की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। इस आपदा से प्रभावित किसानों में सरकार के खिलाफ गहरा रोष व्याप्त है। प्रभावित किसानों ने आज एक प्रेस वार्ता आयोजित कर अपनी समस्याओं को उजागर किया। उन्होंने सरकार से मांग की कि दादूपुर-नलवी नहर का निर्माण कार्य तुरंत दोबारा शुरू किया जाए। सरकार को समझनी होगी तकलीफ किसानों का कहना है कि जिन किसानों ने मुआवजा राशि लौटाकर नहर की जमीन पर खेती शुरू कर दी, उनके कारण बाकी किसानों की फसलों और गांवों को जलभराव से भारी नुकसान हो रहा है। किसान नेता अर्जुन सिंह सुड़ैल ने कहा कि हम सरकार के साथ हैं, लेकिन सरकार को भी हमारी तकलीफ समझनी होगी। यदि बारिश का मौसम और तेज हुआ, तो हमारी धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। नहर का निर्माण पूरा होने से पानी को सही दिशा में मोड़ा जा सकता है। जलभराव का खतरा और आर्थिक नुकसान वर्तमान में धान की बुआई का समय है और मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। यदि नलवी नहर के पानी को नियंत्रित नहीं किया गया, तो खेतों में जलभराव से फसलें डूब जाएंगी, जिससे किसान भारी कर्ज में डूब सकते हैं। किसानों का अनुमान है कि इस बारिश से सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है, जिसका आर्थिक नुकसान लाखों रुपए में है। नहर का डी-नोटिफिकेशन हरियाणा सरकार ने 2017 में दादूपुर-नलवी नहर परियोजना को रद्द कर दिया था। इस परियोजना के तहत यमुनानगर से कुरुक्षेत्र तक नहर के लिए अधिगृहीत जमीन को किसानों को वापस करने का निर्णय लिया गया, बशर्ते वे मुआवजा राशि 15% ब्याज सहित लौटाएं। इस फैसले के बाद कई किसानों ने जमीन पर खेती शुरू कर दी, जिसके कारण नहर की संरचना अधूरी रह गई और जल निकासी की समस्या बढ़ गई। किसानों की अपील किसानों ने दादूपुर-नलवी नहर को जलभराव की समस्या का एकमात्र समाधान बताया है। उनका कहना है कि यदि नहर का निर्माण पूरा हो जाता, तो बारिश का पानी व्यवस्थित रूप से निकाला जा सकता था, जिससे फसलों को बचाया जा सकता था। किसान सतबीर सिंह ने कहा हमारी मेहनत और भविष्य दांव पर है। सरकार को हमारी बात सुननी होगी और नहर का काम जल्द शुरू करना होगा। सरकार से मुआवजे की मांग किसानों ने सरकार से तत्काल विशेष गिरदावरी कराने और नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने नहर की मरम्मत और पुनर्निर्माण को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचा जा सके।

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