जुलाई 2025 में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर पलवल के डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का मुख्य उद्देश्य यातायात व्यवस्था को सुचारू रखना और कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कांवड़ शिविर लगाने के लिए एसडीएम की अनुमति अनिवार्य होगी। मुख्य रोड से 100 फीट दूरी पर शिविर नेशनल हाईवे-19 पर शिविर केवल आगरा की तरफ (बायीं ओर) स्थापित किए जा सकेंगे। शिविर मुख्य रोड से कम से कम 100 फीट की दूरी पर होने चाहिए। शिविर संचालकों को कई बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। इनमें कांवड़ रखने की जगह, ठहरने की व्यवस्था, शौचालय और फर्स्ट एड बॉक्स शामिल हैं। बिजली और पेयजल की उचित व्यवस्था भी आवश्यक है। चिकित्सा सुविधाओं का प्रबंध करना होगा सीएमओ को जिले में एम्बुलेंस और चिकित्सा सुविधाओं का प्रबंध करना होगा। लाउडस्पीकर का उपयोग सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक ही किया जा सकेगा। प्रत्येक शिविर में महिला और पुरुष पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। पुलिस विभाग जिले की सीमा में आने-जाने वाले सभी कांवड़ियों का पंजीकरण करेगा। किसी भी प्रकार की असंवैधानिक गतिविधि पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। धारा-163 के तहत आदेश किए पारित डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने 10 से 23 जुलाई की रात्रि के दौरान जिले से गुजरने वाले कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए कांवड़ शिविर और आवाजाही की निगरानी करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला पलवल में संबंधित उपमंडल अधिकारी (नागरिक) की अनुमति के बिना आम जनता को कांवड़ शिविर लगाने पर रोक लगाई है। दो शिविरों में 2 किमी की दूरी कांवड़ शिविर केवल सक्षम प्राधिकारी अर्थात एसडीएम पलवल, होडल व हथीन की अनुमति के पश्चात ही नेशनल हाईवे के बाई ओर मुख्य सड़क से 100 फीट की दूरी पर लगाए जा सकेंगे। दो कांवड़ शिविरों के बीच की दूरी दो किलोमीटर होगी।
पलवल में कांवड़ यात्रा को लेकर नियम जारी:एसडीएम से अनुमति लेना जरूरी, शिविर में होनी चाहिए पर्याप्त सुविधाएं
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