Russia India Defence Deal: भारत की समुद्री ताकत जल्द ही और बढ़ने वाली है. भारतीय नौसेना के बेड़े में एक ऐसा हथियार शामिल होने वाला है, जिसकी रेंज और ताकत जानकर दुश्मन के पसीने छूट जाएंगे. रूस भारत को अपग्रेडेड ‘अकुला क्लास’ परमाणु पनडुब्बी देने जा रहा है.
2028 तक भारत को मिलेगी पनडुब्बी
भारतीय नौसेना के लिए यह पनडुब्बी खास तौर पर तैयार की जा रही है. पहले यह पनडुब्बी 2025 तक भारत को मिलनी थी, लेकिन अब यह डिलीवरी 2028 तक के लिए टल गई है. दोनों देशों के बीच यह डील 2019 में करीब 3 अरब डॉलर में हुआ था. भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद रूस की इस पनडुब्बी का नाम INS Chakra-III दिया जाएगा.
डीलीवरी में देरी की भरपाई के लिए रूस ने लीज पर ली गई अपग्रेडेड पनडुब्बी को 3M14K (SS-N-304) क्रूज मिसाइल से लैस करने की पेशकश की है. अकुला कैटेगरी की पनडुब्बी दुनिया की सबसे अपग्रेडेड न्यूक्लियर एनर्जी से चलने वाली अटैक सबमरीन में से एक है.
खास तरीके से किया गया डिजाइन
टॉरपीडो और क्रूज मिसाइलों सहित कई मिसाइलों से लैस ये पनडुब्बियां एंटी सबमरीन वॉरफेयर, एंटी सरफेस वॉरफेयर और लंबी दूरी के हमले के मिशन के लिए डिजाइन किया गया है. यह भारत के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी नौसैनिक उपस्थिति को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है.
रूस की इस पनडुब्बी में जिस 3M14K कालीब्र मिसाइल को इंस्टॉल किया जा रहा है उसकी रेंज 1,500 किलोमीटर होगी. इससे पहले भारत के INS Chakra-II में 3M54K मिसाइलें थीं, जिनकी रेंज सिर्फ 600 किलोमीटर तक थी.
लंबी दूरी तक मार करने वाली यह कालीब्र मिसाइलें गहरे समुद्र में भी भारत के दुश्मन के ठिकानों तक पहुंचने की क्षमता को बढ़ाएगी. भारतीय नौसेना फिलहाल पानी के भीतर पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां जैसे स्कॉर्पीन-क्लास, और दो न्यूक्लियर एनर्जी से संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी का इस्तेमाल कर रहा है.
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