यूपी में जून महीने का GST कलेक्शन घटा, सरकार मिडिल क्लास को दे सकती है टैक्स में बड़ी राहत

by Carbonmedia
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UP News: उत्तर प्रदेश सरकार के लिए जून माह में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े चिंता का विषय बन गए हैं. इस बार जून 2025 में राज्य का कुल स्टेट GST (SGST) संग्रह 9248 करोड़ रुपये रहा है जो कि पिछले साल जून 2024 के मुकाबले करीब 4 प्रतिशत कम है. जून 2024 में राज्य ने 9601 करोड़ रुपये का SGST संग्रह किया था. यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब केंद्र सरकार जीएसटी दरों में बड़ी राहत देने की तैयारी में जुटी है. केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार12 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आने वाले अधिकतर वस्तुओं को या तो 5 प्रतिशत वाले स्लैब में लाया जा सकता है या फिर 12 प्रतिशत स्लैब को ही समाप्त किया जा सकता है.
12 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में आने वाली वस्तुएं आमतौर पर रोजमर्रा के उपयोग की होती हैं जैसे कि फर्नीचर, कपड़े, स्टेशनरी कुछ घरेलू उपकरण सैनिटरी वस्तुएं आदि. इन पर टैक्स दर कम होने से आम जनता को सीधा फायदा मिलेगा. यदि सरकार इन पर लगने वाला टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर देती है तो इनकी कीमतों में कमी आ सकती है. इससे महंगाई से जूझ रही जनता को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. वस्तु एवं सेवा कर (GST) देश में 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ था. इसका मकसद देशभर में एक समान कर व्यवस्था लागू करना और व्यापार को सरल बनाना था. GST के अंतर्गत चार मुख्य टैक्स स्लैब हैं, 5%, 12%, 18% और 28% है. इसके अलावा कुछ वस्तुएं जीरो टैक्स या विशेष टैक्स के अंतर्गत भी आती हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार के लिए SGST कलेक्शन राजस्व का एक बड़ा स्रोत है जिसका सीधा असर राज्य की विकास योजनाओं अधोसंरचना और कल्याणकारी नीतियों पर पड़ता है. ऐसे में लगातार दो या तीन महीने राजस्व में गिरावट आना चिंता का विषय बन सकता है. GST कलेक्शन में गिरावट केवल यूपी में ही नहीं बल्कि कुछ अन्य राज्यों में भी देखी गई है. विशेषज्ञ मानते हैं कि मानसून की देरी चुनावी खर्च की वजह से रिटेल कारोबार में ठहराव और ट्रकिंग जैसी सप्लाई चेन में हल्की रुकावट के कारण यह गिरावट हो सकती है. 
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से यदि 12% टैक्स स्लैब को खत्म कर 5% में मिलाने का फैसला होता है तो इससे न केवल आम लोगों को राहत मिलेगी बल्कि बाजार में मांग बढ़ने की भी उम्मीद है जिससे जीएसटी संग्रह में भी सुधार हो सकता है. सभी की निगाहें अब 11 जुलाई को प्रस्तावित GST काउंसिल की बैठक पर टिकी हैं जहां इस टैक्स स्लैब बदलाव पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है. यदि यह फैसला होता है तो आने वाले महीनों में जनता की जेब पर बोझ कुछ कम जरूर हो सकता है.
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