Maharashtra Police News: महाराष्ट्र की विधान परिषद में स्टेट पुलिस के मेंटल हेल्थ और ड्यूटी ऑवर्स का मुद्दा उठा है. मुंबई पुलिस में ऑन ड्यूटी जान गंवाने वाले पुलिस कर्मचारीयों के आंकड़े पर महाराष्ट्र सरकार ने जवाब दिया है. ऑन ड्यूटी मेंटल हेल्थ और शराब की लत जैसे अहम मुद्दों पर बात हुई है.
ऑन ड्यूटी कितने पुलिस कर्मचारियों की हुई मौत?
महाराष्ट्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 से लेकर जून 2025 तक ऑन ड्यूटी 427 पुलिस कर्मचारियों की मृत्यु हुई है. जिसमें नेचुरल डेथ समेत सुसाइड और हार्ट अटैक जैसे सभी आंकड़े शामिल हैं, जिसमें से 25 पुलिस अधिकारियों ने आत्महत्या की उसके कई कारण हैं.
उद्धव गुट के सवाल पर सरकार का जवाब
उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील शिंदे के सवाल पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से जवाब दिया गया है. महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने सवालों पर जवाब देते हुए कहा, ”पुलिस वेलफेयर के लिए काम किया जा रहा है, यह सत्य है कि कई पुलिस कर्मचारियों की मौत ऑन ड्यूटी हुई है और उसके विभिन्न कारण है.”
उन्होंने कहा, ”उदाहरण के तौर पर हार्ट अटैक से 95 और कार्डियक अरेस्ट से 75 पुलिस कर्मचारियों की मृत्यु हुई और ऐसे कई कारण हैं. कैंसर से भी 6 की मौत हुई है. जिन 25 पुलिस अधिकारियों ने आत्महत्या की उसके भी अलग-अलग कारण हैं. इनमें पारिवारिक कारण, 3 की शराब के लत के कारण, डिप्रेशन के चलते 1 और ऐसे कुछ और कारण शामिल हैं.”
योगेश कदम ने आगे कहा, ”पुलिस के वेलफेयर और उनके परिवार के लिए काम करते हुए हम कई एंगल पर काम कर रहे हैं. हेल्थ कैंप लगाए गए हैं. पुलिस को वहां कैशलेस, हेल्थ चेकअप और अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं.
महाराष्ट्र में अलग-अलग लगभग ढाई सौ से अधिक अस्पतालों के साथ टाइप किया गया है, जो गृह विभाग के अंतर्गत है. यह योजना उनके परिवार के लिए भी है. कैंसर के लिए हमनें टाटा अस्पताल से भी टाइप किया है. कई पुलिस स्टेशन ऐसे हैं, जहां इंटरनल जिम की व्यवस्था की गई है, पुलिस भर्ती का भी काम चल रहा है.”
अंबादास दानवे ने ड्यूटी ऑवर्स को लेकर पूछे सवाल
विरोधी पक्ष के नेता अंबादास दानवे ने इसी मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछा कि ड्यूटी का समय 8 घंटे का होना चाहिए, लेकिन उसके बावजूद अधिकारियों को 12 घंटे तक काम करना पड़ रहा है. पुलिस के पास रहने के लिए मुंबई में घर नहीं है, उन्हें लंबी दूरी तय करके ड्यूटी पर आना पड़ता है.
जिन पुलिस कर्मचारियों की मृत्यु हुई है, उसमें सबसे अधिक करने वाले हार्ट अटैक की वजह से है, आप उसके लिए हेल्थ कैंप लगा रहे हैं बाकी काम कर रहे हैं ठीक है लेकिन कई बेसिक चीजों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा ऐसा मेरा सरकार पर आरोप है, जिसमें प्रमुख रूप से रहने के लिए घर नहीं है. 12 घंटे की शिफ्ट होती है. उनके लिए अगर जिम रख भी दिया तो उनके पास समय कहां है? VIP की ड्यूटी और सिक्योरिटी में इतने पुलिस कर्मचारियों को लगाया गया है उसकी बेसिक जरूरतें पूरी नहीं हो रही, डिजी लोन और उनके घर का क्या?
अंबादास दानवे के सवालों पर CM फडणवीस ने दिया जवाब
इन सवालों पर जवाब देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ”यह एक महत्वपूर्ण विषय है. सबसे पहले तो हमने मुंबई में पुलिस कर्मचारियों के लिए 8 घंटे की ड्यूटी का कॉन्सेप्ट लाया. कई बार मुंबई में ऐसी परिस्थितियां आती हैं, जब त्योहार और अन्य मौकों पर समय बढ़ जाता है, लेकिन 8 घंटे की ड्यूटी का कॉन्सेप्ट ठीक तरीके से काम कर रहा है. हम समय-समय पर पुलिस कर्मचारियों को हफ्ते में छुट्टियां भी देते हैं और अगर किसी वजह से उन्हें छुट्टी नहीं मिलती तो ओवरटाइम का अच्छा भुगतान सरकार करती है.”
उन्होंने आगे कहा, ”यह सच है कि पुलिस कर्मचारियों को दूर से ट्रैवल करके आना पड़ता है लेकिन हम उनके लिए घर बनाने का काम कर रहे हैं और उसकी संख्याओं में भी बढ़ोतरी की जा रही है. पुलिस कर्मचारियों के लिए घर और लोन सुविधा सरकार मुहैया करा रही है.”
बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने पूछे सवाल
बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने भी सरकार से पूछा कि पुलिस के मानसिक संतुलन के लिए क्या काम किया जा रहा है? कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली, सरकार क्या कर रही है इसके बारे में भी बताएं?
प्रवीण दरेकर के सवाल पर क्या बोले CM फडणवीस?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया, ”पुलिस की मानसिक स्थिति को लेकर उनकी काउंसलिंग जरूरी है, जिस पर हमने कुछ फैसले लिए हैं, उनकी लाइफ स्टाइल की वजह से उन पर मानसिक तनाव और हाइपरटेंशन जैसी परेशानियां होती हैं, इसलिए अब हमने फैसला लिया है कि 40 वर्ष से अधिक पुलिस कर्मचारियों को साल में एक बार और 50 वर्ष से अधिक कर्मचारियों को साल में दो बार मेडिकल चेकअप कराना होगा. जांच में कई बार पता चलता है कि उन्हें क्या बीमारियां हैं और उस आधार पर हम काम कर रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, ”हमने पुलिस के लिए एक और महत्वपूर्ण योजना शुरू की है कि अब से सभी कमांडर यूनिट हर मंगलवार और शुक्रवार उनके यूनिट में 2 घंटे निकाल कर जो भी पुलिस कर्मचारियों को परेशानी है उनसे बातचीत करें. कम्युनिकेशन से बहुत सी बातें हल हो जाती हैं, कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं, कुछ नहीं कर रहे हैं इसलिए हमने निर्देश दिया है कि अबसे एक डायरी मेंटेन की जाए.”
सीएम ने ये भी कहा कि हमें पता चला कि कई मामले ऐसे हैं जिसमें पुलिस कर्मचारी अधिक शराब का सेवन कर रहे हैं, उसके लिए भी अलग-अलग यूनिट क्या काम कर रही है इसका आंकड़ा हमारे पास है.
महाराष्ट्र विधान परिषद में उठा पुलिस के मेंटल हेल्थ, ड्यूटी आवर्स का मुद्दा, सरकार ने दिया ये जवाब
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