यूपी के गोरखपुर के दो दिवसीय प्रवास के दौरान गोरखनाथ मंदिर में दर्शन व भोज के पहले देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रदेश राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को खास तोहफा मिला. युवा चित्रकार प्राची बजाज व मंझे हुए ख्याति प्राप्त मधुबनी चित्रकार रवि द्विवेदी ने उन्हें भगवान जगन्नाथ व बाबा गोरखनाथ के चित्र भेंट किए गए, जिसे देखकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रदेश की राज्यपाल काफी खुश हुईं.
उन्होंने दोनों ही रचनाकारों से बरबस ये पूछ ही लिया कि क्या आपने इस कृति को बनाया है. इस पर मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों ही रचनाकारों का परिचय राष्ट्रपति और राज्यपाल से कराया और बताया कि दोनों ही चित्रों को इन चित्रकारों द्वारा ही उनकी इच्छा के अनुरूप खास आपके लिए तैयार किया गया है.
उद्यमियों और व्यापारियों को भी आमंत्रणगोरखनाथ मंदिर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रवास के दूसरे दिन मंगलवार (1 जुलाई, 2025) के दिन सहभोज का आयोजन किया गया. इस सहभोज में शहर के सभ्रांत नागरिकों के साथ उद्यमियों और व्यापारियों को भी आमंत्रण भेजा गया. इसी दौरान गोरखनाथ मंदिर के सभागार में सहभोज के पहले दोनों चित्रकारों के द्वारा भारत गणराज्य की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को दिव्य चित्र भेंट किए गए.
युवा चित्रकार प्राची ने भगवान जगन्नाथ का चित्र भेंट किया तो वहीं चित्रकार रवि द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में बाबा गोरखनाथ के चित्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को भेंट किया.
स्मृतियों में सदैव के लिए यादगारये गौरव का क्षण दोनों ही चित्रकारों के लिए स्मृतियों में सदैव के लिए यादगार बन गया. दोनों कलाकारों के नाम भी एक संयोग जुड़ा हुआ है. जहां युवा चित्रकार प्राची के नाम का अर्थ पूरब दिशा है, जो आगे की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है. वहीं रवि जिसका अर्थ सूर्य से है, वो उदय का प्रतीक है. युवा चित्रकार प्राची बजाज की उम्र महज 14 साल है. वो गोरखपुर के कार्मल गर्ल्स इंटर कालेज में कक्षा 9वीं की छात्रा हैं.
चित्रकार प्राची गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर रहे ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ व गोरखपुर के पूर्व सांसद व वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सांसद प्रतिनिधि दिवंगत बाल कृष्ण बजाज की पौत्री व गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के सदस्य दुर्गेश बजाज व श्रीमती अंकिता बजाज की बेटी हैं.
राष्ट्रपति मुर्मू के इच्छा के अनुरूप बना चित्रप्राची बजाज द्वारा बनाया गया भगवान जगन्नाथ के चित्र का दमकता आभामंडल देखकर जहां राष्ट्रपति के चेहरा दमकने लगा. वहीं चित्रकार रवि द्विवेदी द्वारा बनाए गए बाबा गोरखनाथ के चित्र भेंट स्वरूप मिलने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल श्रद्धा के भाव से भर गई. उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछ ही लिया कि क्या ये चित्र इन दोनों चित्रकारों ने स्वयं ही बनाए हैं.
इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उनकी इच्छा के अनुरूप ही आपको भेंट स्वरूप देने के लिए ये चित्र तैयार किए गए हैं. ये बताते हुए मुख्यमंत्री के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जहां प्राची बजाज ने पूरे मनोयोग के साथ भगवान जगन्नाथ का चित्र बनाया है. वहीं चित्रकार रवि द्विवेदी की कूची ने बाबा गोरखनाथ के दोनों चित्रों को रंगों से जीवंत कर दिया है.
10 दिनों में तैयार हुई पेंटिंगचित्रकार प्राची बजाज ने भगवान जगन्नाथ के चित्र को एक सप्ताह में बनाकर तैयार किया. वहीं चित्रकार रवि द्विवेदी ने बाबा गोरखनाथ के दो जीवंत चित्रों को 10 दिनों में तैयार किया है. हल्के पीले रंग के बॉर्डर पर गहरे किनारे वाले फ्रेम में भगवान जगन्नाथ का दमकता आभा मंडल आकर्षित करने वाला है. वहीं चित्रकार रवि द्विवेदी द्वारा तैयार किए गए सुनहरे किनारे के फ्रेम में भगवा बॉर्डर में बने बाबा गोरखनाथ की योग क्रियाओं को दर्शाते मुख्य चित्र की आभा से चित्र खिल गया.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को रवि द्विवेदी द्वारा निर्मित कृति सियाराम भेंट करने के बाद राष्ट्रपति भवन को बाबा गोरखनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होगा. जब भी किसी शख्स ने गोरखपुर में कदम रखा है, उन्हें रवि द्विवेदी की मधुबनी पेंटिंग भेंट स्वरूप दी गई है. इसके पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व राज्यपाल बीएल जोशी व राम नाईक, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा, अर्जुन राम मेघवाल के साथ कुछ अन्य शख्सियत भी शामिल हैं.
43 सालों से बना रहे मधुबनी पेंटिंग युवा चित्रकार प्राची बजाज जहां गोरखपुर के मिर्जापुर की रहने वाली हैं, वहीं वरिष्ठ चित्रकार रवि द्विवेदी गोरखपुर के 10 नंबर बोरिंग के रहने वाले रिटायर्ड बैंक अधिकारी हैं. वे 43 सालों से मधुबनी पेंटिंग और जंगली और औषधीय पौधों को गमले में बोनसाई करके उनकी सेवा में लगे हैं.
उनका घर बाहर से बोनसाई पौधों और अंदर से मधुबनी पेंटिंग से जीवंत दिखाई देता है. उनके घर पर उनसे मिलने के बाद देश की बड़ी शख्सियतें भी उनकी दोनों कलाओं की मुरीद हो जाती हैं. एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनकी चित्रकारी के प्रशंसक हैं. वहीं शहरवासी उन्हें मिस्टर बोनसाई के नाम से भी पुकारते हैं.ये भी पढ़ें:- ‘रेप होता तो लव बाइट्स कैसे होते’, कोलकाता गैंगरेप केस में आरोपी के वकील का चौंकाने वाला दावा
भगवान जगन्नाथ और बाबा गोरखनाथ की अनोखी पेंटिंग, देखते ही राष्ट्रपति मुर्मू के चेहरे पर खुशी, 10 दिनों में बनकर हुई तैयार
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