वाह SDM साहब! स्टेनो के रिटायर होने पर खुद गाड़ी चलाकर घर पहुंचाया, हो रही तारीफ

by Carbonmedia
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UP News: उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद से एक ऐसी खबर सामने आई है जहां पर एसडीएम साहब की कार्यशाली से पूरा तहसील क्षेत्र ही नहीं बल्कि समूचा जनपद वाह वाही कर रहा है. दरअसल एसडीएम साहब ने अपने स्टेनो के सेवानिवृत होने के उपरांत आयोजित फेयरवेल पार्टी के बाद स्टेनो को घर तक छोड़ने के लिए सरकारी गाड़ी की ड्राइविंग सीट संभाल लिया और बगल में अपने स्टेनो को बैठा लिया। फिर स्टेनो को ससम्मान उनके घर तक पहुंचाया. 
इस दौरान नायब तहसीलदार सहित तहसील के तमाम राजस्वकर्मी और अधिकारी मौजूद रहे. एसडीएम के इस अनोखी पहल का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसकी चर्चा और प्रशंसा चारो तरफ़ हो रही है. दरअसल यह पूरा मामला अमेठी तहसील से प्रकाश में आया है. जहां पर दयाशंकर शुक्ल एसडीएम आशीष कुमार सिंह के स्टेनो पद पर लंबे समय से कार्यरत थे. करीब 35 साल की सेवा देने के उपरांत दयाशंकर शुक्ल बीते 30 जून को सेवानिवृत हो गए. उनकी सेवानिवृत्ति के उपलक्ष में अमेठी तहसील में विदाई समारोह का कार्यक्रम रखा गया. 
विदाई समारोह के उपरांत एसडीएम आशीष कुमार सिंह ने अपने स्टेनों को ससम्मान घर तक पहुंचाने के लिए खुद सरकारी गाड़ी की स्टेरिंग पकड़ ली और स्टेनो को बगल में बैठा लिया. इसके साथ में नायब तहसीलदार प्रशांत सिंह और अन्य राजस्व कर्मी भी दयाशंकर शुक्ल को छोड़ने के लिए उनके घर तक गए. यह दृश्य देखने के बाद तहसील कर्मियों के अंदर खुशी और उत्साह दोनों देखने को मिला.
क्या बोले एसडीएम
एसडीएम आशीष कुमार सिंह ने बताया कि दया सबको शुक्ला जो मेरे स्टेनो के रूप में अधीनस्थ कर्मचारी थे. उन्होंने लंबे समय से हम लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान की है. अब वह सेवानिवृत हो चुके हैं, उनकी सेवाओं को देखते हुए मेरे मन में यह भाव आया कि आज उनको साहब बनाकर घर तक पहुंचाया जाए. इसीलिए मैं खुद ड्राइवर बनते हुए उनको साथ में बिठाकर घर तक छोड़ने गया. हम सब दयाशंकर शुक्ल जी के उज्जवल और मंगलमय भविष्य की कामना करते हैं. मेरे छोटे से कार्य के चलते एक तरफ जहां उनका खुशी महसूस हुई वहीं दूसरी तरफ हमारे अन्य अधीनस्थ कर्मचारी उत्साहित दिखाई पड़ रहे हैं. निश्चित रूप से इस कार्य से अधिकारी और अधीनस्थों के मध्य गैप को खत्म करने का अवसर मिलेगा. 
सेवानिवृत कर्मचारियों ने बताया 
लगभग 35 सालों की सेवाएं प्रदान करने के बाद सेवानिवृत हुए दया शंकर शुक्ला ने अपने मन मस्तिष्क पर जोर डालते हुए याद कर बताया कि मैंने एक जिलाधिकारी को इस तरह की सकारात्मक पहल को करते हुए देखा है. शेष सिर्फ खबरों में ही पड़ा है, आज एसडीएम साहब के द्वारा मुझे जो सम्मान दिया गया उसके लिए मैं साहब का अभिभूत हूं. दिल की असीम गहराइयों से मैं एसडीएम साहब का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं. साहब खुद एक कर्तव्यनिष्ट, कर्मठ और अच्छे अधिकारी हैं इसीलिए अपने अधीनस्थों के विषय में उनकी सोच भी अच्छी है. साहब के इस कार्य से निश्चित रूप से अन्य कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा जिससे वह और बेहतर तरीके से राजकीय कार्य कर सकेंगे.

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