सिरसा जिले के एक प्राईवेट प्ले स्कूल में मासूम की मौत के मामले में प्रशासन एवं विभाग की ओर से स्कूल का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की टीम आज वीरवार को प्ले स्कूल में निरीक्षण के लिए पहुंचेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम भी मामले में जांच करेगी। पुलिस से भी जांच रिपोर्ट मांगी है। इस बारे में शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल के रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे। कई स्कूल बिना मान्यता चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल ने मान्यता के लिए आवेदन या पंजीकरण किया था, पर अनुमति नहीं मिली थी। प्ले स्कूल में जरूरी सुविधाएं भी है। मंगलवार दोपहर को स्कूल में बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई थी। 4 साल का अरमान स्कूल में लंच टाइम के दौरान अचानक जमीन पर गिर पड़ा। शिक्षकों ने ही उसे अस्पताल में पहुंचाया। परिजन जब बच्चे को अस्पताल पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्कूल का यह पहला दिन बच्चे के लिए आखिरी साबित हुआ। यह घटना मंगलवार दोपहर की है, बुधवार को शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया। 4 वर्षीय अरमान सिरसा जिले के ऐलनाबाद के मौजूखेड़ा गांव का रहने वाला था और ममेराकलां के वंडर प्ले स्कूल में पढ़ता था। विभाग के पास नहीं मिला स्कूल का रिकॉर्ड जानकारी के अनुसार, महिला एवं बाल विकास विभाग के पास भी स्मॉल वंडर प्ले स्कूल का रिकॉर्ड नहीं है। सिरसा से जिला बाल कल्याण समिति ने भी स्कूल के दस्तावेजों एवं मामले की जांच रिपोर्ट तलब की है। दरअसल, यह प्ले स्कूल शिक्षा विभाग के बजाय महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आते हैं। इन स्कूलों को पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। मगर कई निजी स्कूल संचालक इस पर गंभीरता नहीं दिखाते और पंजीकरण नहीं करवाते और न ही संबंधित गाइडलाइन का पालन करते हैं। यहां तक कि जरूरी सुविधाएं भी रखते। बच्चों के दाखिले भी गैर-कानूनी तरीके से करके प्ले स्कूल चला रहे हैं। अधिकांश अभिभावकों को भी स्कूल के पंजीकरण के बारे में जानकारी नहीं होती और वह बच्चों का दाखिला करवा लेते हैं। एक तरह से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। मेन ब्रांच ऐलनाबाद में, ममेराकलां में घर में चल रहा परिजनों के अनुसार, यह स्मॉल वंडर प्ले स्कूल ममेराकलां गांव में एक किराए के मकान में चल रहा है। इसकी मेन ब्रांच ऐलनाबाद में हैं। इसमें तीन कमरे बने हैं और एक बरामदा है। दो कमरों में एसी लगे हैं और एक प्रधानाचार्य कक्ष। स्कूल में करीब 50 बच्चे पढ़ते हैं। चार शिक्षक है। स्कूल में न सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही कमरों खिड़कियां है। टीचर ने पिता को फोन कर सीधा अस्पताल बुलाया बच्चे के परिवार से पालाराम ने बताया कि अरमान अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसके पिता सुखदेव सिंह पेट्रोल पंप पर काम करते हैं। उसके दो बच्चे हैं। एक अरमान और दूसरी एक साल की बेटी है। सोमवार दोपहर 12 बजे स्कूल से सुखदेव के पास फोन आया और ऐलनाबाद के अस्पताल में बुलाया। यह नहीं बताया कि बच्चे को कुछ हो गया है। वह घर पर बताकर सीधा वहां चला गया। उसके साथ मैं भी गया था। जब अस्पताल में पहुंचे तो बच्चे की डेडबॉडी मिली। अचानक अरमान की तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल लेकर गए वंडर प्ले स्कूल संचालक भूपेंद्र सिंह का कहना है कि दोपहर को लंच का टाइम था। उस समय सभी बच्चे लंच कर रहे थे। तभी अरमान की तबीयत बिगड़ गई। बच्चे को मैं खुद अस्पताल लेकर गया था। पहले प्राइवेट अस्पताल में गए थे। वहां पर डॉक्टर के कुछ समझ में नहीं आया। इसके बाद दूसरे अस्पताल में गए। वहां भी डॉक्टरों ने दूसरी जगह ले जाने को कहा। इसके बाद सरकारी अस्पताल में गए, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सिरसा के मासूम मौत में विभाग खंगालेगा स्कूल का रिकॉर्ड:एनसीपीसीआर-महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम करेगी जांच, जरूरी सुविधाएं नहीं
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