UP Politics: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) राज्य स्थित आजमगढ़ (Azamgarh News) में अपना घर और दफ्तर बनवाने जा रहे हैं. अब इसको लेकर यह चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर इसके पीछे क्या रणनीति है? आगामी पंचायत चुनाव और वर्ष 2027 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के पहले अखिलेश के इस कदम को सियासी रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
इसके अलावा अखिलेश के इस फैसले को उन आरोपों के जवाब के भी जोड़कर देखा जा रहा है जिनमें कहा जाता है कि सपा, मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक मानती है.
सुभासपा के साथ लड़ा था चुनावअगर पिछले चुनावों की बात करें तो वर्ष 2022 में समाजवादी पार्टी ने सुहेदलेव भारतीय समाज पार्टी के साथ चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में सपा अलायंस ने 31 सीटें जीती थीं. विधानसभा चुनाव में सपा ने पूर्वांचल के वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती मंडल की सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया था.
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वहीं भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 29 सीटें हासिल की थीं. सपा अलायंस जिन 31 सीटों पर जीता था, उसमें तीन सीटें सुभासपा के हिस्से में आईं थीं. लोकसभा चुनाव 2024 की बात करें तो पूर्वांचल की 12 सीटों पर सपा और कांग्रेस के अलायंस ने जीत हासिल की थी. वहीं एनडीए के हिस्से में 9 सीटें आईं थीं.
बढ़त बरकरार रखने के लिए आजमगढ़ में अखिलेश!अब राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि सपा वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त को अखिलेश जारी रखना चाहते हैं. इसके लिए वह पूर्वांचल को अपनी रणनीति का केंद्र बना रहे हैं.
सपा चीफ के आजमगढ़ में घर और दफ्तर बनवाने के पीछे की रणनीति पर एबीपी लाइव ने फखरुल हसन चांद से बात की. सपा प्रवक्ता ने ओपी राजभर से जुड़े दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सपा का आजमगढ़ से रिश्ता है नेता जी (स्व. मुलायम सिंह यादव) के समय से है. आजमगढ़ में घर बनवाने के पीछे केवल भवनाओं और रिश्तों का है. नेताजी और अखिलेश यादव पहले भी कह चुके हैं कि मैनपुरी मेरा पहला घर है और दूसरा आजमगढ़ है.
सुभासपा से अलगाव के बाद पूर्वांचल में अपनी बढ़त बनाए रखने के सवाल पर फखरुल ने कहा कि ओपी राजभर कोई फैक्टर नहीं है. अगर वो बहुत बड़ा फैक्टर होते तो घोसी उपचुनाव जीत जाते. जब भी चुनाव निष्पक्ष होते हैं, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग नहीं होता है तो चुनाव वही जीतता है जिसे जनता चाहती है. ये कहना कि राजभर की वजह से सीटें मिलीं, यह बेकार की बात है. पूर्वांचल हमेशा से सपा का गढ़ रहा है. हमारा पूर्वांचल से भावनात्मक रिश्ता है.
आजमगढ़ लोकसभा और विधानसभा सीट पर क्या रहा है सपा का हाल?बता दें वर्ष 1952 से अब तक आजगमढ़ सीट पर सपा चार बार जीत चुकी है. इसमें से 1-1 बार मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की थी. फिलहाल इस सीट से धर्मेंद्र यादव सांसद हैं.
वहीं बीते दो विधानसभा चुनावों की बात करें तो आजमगढ़ की विधानसभा सीट पर सपा वर्ष 2017 और वर्ष 2022 में दुर्गा प्रसाद यादव ने जीत हासिल की थी.
UP Politics: आजमगढ़ में ही घर क्यों बनवा रहे हैं सपा चीफ अखिलेश यादव? यह है वजह!
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