नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका खंड के गांव बसईमेव में अवैध खनन के लिए अरावली की पहाड़ियों तक अवैध तरीके से बनाए गए रास्तों पर प्रशासन ने पौधारोपण करवा दिया। योजना के अनुसार इन अवैध रास्तों को गहरे वन क्षेत्र में तब्दील किया जाएगा। रास्तों पर सात हजार पौधे लगाए गए हैं। इनकी देखरेख की जिम्मेदारी भी निर्धारित कर दी गई है। खनन माफिया व अवैध खनन कार्यों से जुड़े लोगों की मनमर्जी पर स्थाई रोक लगाने के लिए पौधारोपण करवाया गया है। ड्रोन कैमरों से होगी निगरानी अवैध खनन के लिए बनाए गए दोनों रास्तों पर लगाए गए पौधों की रखवाली मानवीय तरीके से तो होगी ही, इसके लिए ड्रोन भी लगाए गए हैं। वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरों से पौधों पर नजर रखेगा। पौधारोपण का कार्य वन विभाग ने 13 दिन के अंदर पूरा किया है। इसके लिए पहले मशीन से गड्ढ़ों की खुदाई करवाई गई। इसके बाद कर्मचारियों ने कई दिन लगातार कार्य कर छह विभिन्न नस्लों के पौधे लगा दिए। 20 जुलाई से वन विभाग ने शुरू किया था अभियान रेंज ऑफिसर सोहित कुमार के अनुसार, ‘सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी के निर्देश पर 15 जुलाई से पहले दोनों रास्तों को खत्म करना था। इसी को ध्यान में रखते हुए 20 जून से पौधारोपण अभियान शुरू कर दिया था। 33-33 फुट चौड़े दोनों रास्तों पर वन क्षेत्र विकसित किया जाएगा। अरावली के प्राकृतिक पौधे ही रोपे गए हैं।’ उन्होंने बताया कि वन विभाग पौधों पर नियमित कड़ी निगरानी रखेगा। गौरतलब है कि बसईमेव में अरावली पहाड़ी तक बनाए गए दो अवैध रास्तों के निर्माण का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा हुआ है। सीईसी सीधे इस मामले पर निगरानी रख रही है और प्रदेश सरकार को 15 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने का समय दिया गया है।
नूंह में अवैध रास्तों पर लगे पौधे:गहरे वन क्षेत्र में तब्दील होंगे रास्ते,वन विभाग ने 7 हजार पौधे लगाए
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