सिरसा जिले के एक प्राईवेट प्ले स्कूल में मासूम की मौत के मामले में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। मासूम का अस्पताल के दौरान का फोटो भी सामने आया है। स्कूल के पास मान्यता से संबंधित जरूरी दस्तावेज भी नहीं मिले। राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की टीम ने भी प्ले स्कूल में निरीक्षण किया और स्कूल का रिकॉर्ड खंगाला है। जिला बाल सरंक्षण भी मामले में जांच कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक जांच में सामने आया है कि मासूम अरमान लंच समय के बाद स्कूल में बाहर बरामदे में था। उसी दौरान उसकी बैंच पर बैठे-बैठे तबीयत बिगड़ने लगी। करीब आधे घंटे तक वह बैंच पर बैठा रहा। उस समय उनके पास कोई नहीं था। कुछ देर बाद उसके पास शिक्षक व स्कूल संचालक पहुंचे तो उसे अस्पताल में पहुंचाया। वहां पर भी प्राइवेट अस्पतालों में उसे दो बार रेफर दिया गया, जिस कारण समय पर इलाज नहीं मिल सकें। जब वह ऐलनाबाद के सिविल अस्पताल में पहुंचे तो बच्चे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक के परिवार से पालाराम ने बताया कि 4 वर्षीय अरमान ऐलनाबाद के मौजूखेड़ा गांव का रहने वाला था और ममेराकलां के वंडर प्ले स्कूल में पढ़ता था। मंगलवार दोपहर को 4 साल का अरमान स्कूल में लंच टाइम के दौरान अचानक जमीन पर गिर पड़ा। शिक्षकों ने उसे समय पर नहीं संभाला। माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल में भेजते हैं, ताकि वह पढ़-लिख सकें। मगर अब ऐसा होगा तो माता-पिता का भरोसा स्कूल और शिक्षकों के ऊपर से उठ जाएगा। स्कूल का रिकॉर्ड संबंधित जानकारी मांगी ऐलनाबाद थाना प्रभारी प्रगट सिंह के मुताबिक, स्कूल के रिकॉर्ड संबंधित जानकारी मांगी है और सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। जल्द ही जांच के बाद पूरी रिपोर्ट विभाग व प्रशासन को भेजी जाएगी। जिला बाल सरंक्षण अधिकारी गुरप्रीत ने बताया कि स्कूल का रजिस्ट्रेशन नहीं था और न ही उसने अप्लाई किया था। ऐसे में आगामाी कार्रवाई की जा रही है। तीन कमरों में चल रहा स्कूल परिजनों के अनुसार, यह स्मॉल वंडर प्ले स्कूल ममेराकलां गांव में एक किराए के मकान में चल रहा है। इसकी मेन ब्रांच ऐलनाबाद में हैं। इसमें तीन कमरे बने हैं और एक बरामदा है। दो कमरों में एसी लगे हैं और एक प्रधानाचार्य कक्ष है। स्कूल में करीब 50 बच्चे पढ़ते हैं। 4 शिक्षक हैं। स्कूल में न सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही कमरों में खिड़कियां हैं। अब जानें स्कूल संचालक और परिजनों ने क्या कहा..? वंडर प्ले स्कूल संचालक भूपेंद्र सिंह का कहना है कि दोपहर को लंच का टाइम था। उस समय सभी बच्चे लंच कर रहे थे। तभी अरमान की तबीयत बिगड़ गई। बच्चे को मैं खुद अस्पताल लेकर गया था। पहले प्राइवेट अस्पताल में गए थे। वहां पर डॉक्टर के कुछ समझ में नहीं आया। इसके बाद दूसरे अस्पताल में गए। वहां भी डॉक्टरों ने दूसरी जगह ले जाने को कहा। इसके बाद सरकारी अस्पताल में गए, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। परिजन बोले-फोन पर यह नहीं बताया कि बच्चे को कुछ हो गया उधर, बच्चे परिवार से पालाराम ने बताया कि अरमान अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसके पिता सुखदेव सिंह पेट्रोल पंप पर काम करते हैं। उसके दो बच्चे हैं। एक अरमान और दूसरी एक साल की बेटी है। मंगलवार दोपहर 12 बजे स्कूल से सुखदेव के पास फोन आया और ऐलनाबाद के अस्पताल में बुलाया। यह नहीं बताया कि बच्चे को कुछ हो गया है। वह घर पर बताकर सीधा वहां चला गया। उसके साथ मैं भी गया था। जब अस्पताल में पहुंचे तो बच्चे की डेडबॉडी मिली।
सिरसा में मासूम मौत में स्कूल की मिली लापरवाही:एनसीपीसी और बाल सरंक्षण आयोग की टीम ने खंगाला रिकॉर्ड, अचनाक बिगड़ी थी तबीयत
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