हॉकी के लिए पाकिस्तान को भारत में हरी झंडी मिलने के बाद भड़का विपक्ष, प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- ‘पहलगाम हमले के…’

by Carbonmedia
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Maharashtra Politics: खेल मंत्रालय ने जब से ये ऐलान किया है कि पाकिस्तान की हॉकी टीम एशिया कप और जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप खेलने भारत आएगी, तब से बवाल मचा हुआ है. विपक्षी पार्टियां इस कदम को लेकर कड़ी आपत्ति जता रही है.
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने तीखे बयान में सरकार पर सवालों की बौछार कर दी है. उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम हमले का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.
पहलगाम से लापता हुए 4 आतंकवादी कहां गए- प्रियंका चतुर्वेदीप्रियंका चतुर्वेदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “पाकिस्तान का के ‘फेल्ड मार्शल’ (Failed Marshal) अब भी भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है और हमारी सरकार खासकर गृह मंत्रालय को लगता है कि खेल रिश्ते जारी रखने चाहिए? यही गृह मंत्रालय अब तक देश को ये नहीं बता पाया कि पहलगाम से लापता हुए चार आतंकवादी कहां गए?” 

Pakistan’s Failed Marshal continues to spew venom against us and someone in the Indian government- Home Ministry particularly thinks it’s okay for sports relations to continue & have given clearance to the Pakistan Hockey Team to come play in India.Same Home Ministry has still… https://t.co/1gFTtBihef
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) July 4, 2025

क्या है पूरा मामला?दरअसल, खेल मंत्रालय ने पाकिस्तान की हॉकी टीम को भारत में आयोजित होने वाले दो बड़े टूर्नामेंटों में हिस्सा लेने की मंजूरी दी है. इनमें एक जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप और दूसरा एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट है. एशिया कप का आयोजन 27 अगस्त से 7 सितंबर तक बिहार के राजगीर में होगा. इस फैसले के बाद से ही कई विपक्षी दल सरकार की नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उस पर निशाना साध रहे हैं.
क्या पाकिस्तान को भारत नहीं रोक सकता था?सरकारी सूत्रों का कहना है कि ये टूर्नामेंट द्विपक्षीय नहीं बल्कि बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय आयोजन हैं, जिसमें कई देशों की टीमें हिस्सा लेती हैं. ऐसे में किसी एक देश को खेलने से रोकना अंतरराष्ट्रीय खेल नियमों के खिलाफ हो सकता है. हालांकि, विपक्ष का कहना है कि जब सीमा पर हालात तनावपूर्ण हैं और आतंकी गतिविधियां जारी हैं, तब इस तरह की खेल कूटनीति सुरक्षा के लिहाज से एक गलत संकेत देती है.

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