हिसार जिले के हांसी में आगजनी जैसी आपदाओं से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए संयुक्त कार्यालय परिसर में फायर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का नेतृत्व एसडीएम राजेश खोथ ने किया। ड्रिल में डीएसपी राज सिंह, सिद्धार्थ बिश्नोई, विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। फायर सेफ्टी यंत्रों के उपयोग ड्रिल के दौरान कर्मचारियों को फायर सेफ्टी यंत्रों के उपयोग और आपदा प्रबंधन के आधुनिक तरीकों की जानकारी दी गई। सबसे पहले कृत्रिम धुआं फैलाया गया, जो स्मोक डिटेक्टर सिस्टम के जरिए पकड़ में आया और पूरी बिल्डिंग में सायरन बजना शुरू हो गया। सभी कर्मचारी तुरंत ग्राउंड फ्लोर पर एकत्रित हो गए। जिससे यह अभ्यास सफल और सजीव प्रतीत हुआ। आपदा सूचना देकर नहीं आती-एसडीएम एसडीएम राजेश खोथ ने कहा कि आपदा कभी सूचना देकर नहीं आती, इसलिए सतर्क रहना और नवीनतम सुरक्षा व्यवस्था से लैस रहना जरूरी है। उन्होंने कर्मचारियों को सुझाव दिए कि कार्यालयों में लगे पंखे, कूलर और एसी को दिन में कुछ समय के लिए बंद किया जाए। जिससे बिजली की बचत हो और उपकरणों की उम्र भी बढ़े। पहली बिल्डिंग, जिसे सर्टिफिकेट प्राप्त संयुक्त कार्यालय परिसर जिला की पहली राजस्व बिल्डिंग है, जिसे फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट प्राप्त है। लोक निर्माण विभाग की निगरानी में फायर सेफ्टी सिस्टम स्थापित किया गया है। साईं फायर अपलायंसेज प्राइवेट लिमिटेड निदेशक सतीश शर्मा ने बताया कि भवन में आधुनिक सेंसर युक्त फायर सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर, फायर हाइड्रेंट, प्राथमिक उपचार होजरी सिस्टम और हर फ्लोर पर अग्निशमन यंत्र लगाए हैं। विभाग में नजर आया आवारा कुत्ता जब एसडीएम मॉक ड्रिल के दौरान फायर सेफ्टी सिस्टम की बारीक जानकारी दे रहे थे, तभी परिसर में एक आवारा कुत्ता भी ‘सतर्क दर्शक’ के रूप में मौजूद रहा। यह दृश्य मजाकिया होते हुए भी गंभीर सवाल खड़ा करता है, जब खुद उपमंडल कार्यालय परिसर आवारा पशुओं से मुक्त नहीं है, तो शहर की सुरक्षा और प्रबंधन की क्या स्थिति होगी।
हांसी के संयुक्त कार्यालय परिसर में फायर मॉक ड्रिल:कर्मचारियों को दी बचाव की ट्रेनिंग, स्मोक डिटेक्टर सिस्टम का किया परीक्षण
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