हरियाणा में डीडी पॉवर पर आनाकानी, नपेंगे प्रिंसिपल-प्राेफेसर:हॉयर एजूकेशन निदेशालय सख्त, रूक रही स्टाफ की सैलरी, अब होगी कार्रवाई

by Carbonmedia
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हरियाणा के कालेजों में डीडी पॉवर को लेकर आनाकानी करने वाले प्रोफेसर की अब खैर नहीं है। अगर किसी प्रोफेसर ने डीडी पॉवर लेने से आनाकानी की तो उसके खिलाफ हॉयर एजूकेशन निदेशालय के द्वारा कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के कालेजों में प्रिंसिपल का पद खाली हाेने पर वहां डीडी पॉवर सीनियर मोस्ट प्रोफेसर को दी जाती है। लेकिन कुछ प्रोफेसर डीडी पॉवर के झंझट से बचने के लिए निदेशालय को वापस पत्र लिखकर बहाना बनाते हैं। ऐसे में अब हॉयर एजूकेशन निदेशालय ने सभी कालेजों को पत्र लिखकर चेतावनी जारी की है। पत्र में लिखा है कि अगर किसी भी प्रोफेसर ने ऐसा किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। कालेज के कार्य होते हैं प्रभावित हॉयर एजूकेशन विभाग के महानिदेशक अनुसार कालेजों में डीडी पॉवर नहीं लेने के कारण स्टाफ की सैलरी, छात्रों की फीस व बिजली बिल जैसे महत्वपूर्ण लंबित रह जाते हैं। जिसके कारण कालेज स्टाफ व छात्रों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डीडी पॉवर के आदेशों पर अब किसी भी प्रोफेसर और प्राचार्य की ना नुकर नहीं चलने वाली है। प्रदेश के 104 कालेज में नहीं प्रिंसिपल हरियाणा के 56 फीसदी सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं हैं। प्रदेश के कुल 184 कालेजों में से 104 कालेज प्रिंसिपल की बाट जोह रहे हैं। काम चलाने के लिए सहायक प्रोफेसरों को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।लंबे समय से न तो सहायक प्रोफेसरों की पदोन्नति हुई है और न ही प्रिंसिपल के पदों पर सीधी भर्ती हो पाई है। इसका नतीजा ये है कि पिछले कई साल से कालेजों को मुखिया नहीं मिल रहे हैं क्यों जरूरी है स्थाई प्रिंसिपल कालेज में प्रिंसिपल सबसे अहम पद होता है। इसकी जिम्मेदारी कालेज में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्यों की होती है। साथ ही पढ़ाई को लेकर शेड्यूल तैयार करने समेत निगरानी का जिम्मा भी होता है। इनके अलावा, अन्य गतिविधियों से लेकर प्रदेश और केंद्र की योजनाओं को भी लागू कराना होता है। चूंकि सहायक प्रोफेसरों में से ही किसी को अतिरिक्त कार्यभार दिया जा रहा है, ऐसे में संबंधित विषय के विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होना तय है। दूसरा प्रिंसिपल नहीं होने से कालेजों में गुटबाजी भी बढ़ती है और साथ के ही स्टाफ से काम लेना अस्थायी प्रिंसिपल के लिए आसान नहीं है। 2013 के बाद कोई सीधी भर्ती नहीं हॉयर एजूकेशन विभाग की ओर से कालेज प्रिंसिपल के लिए 75 फीसदी पद पदोन्नति से भरे जाते हैं, जबकि 25 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरा जाता है। कालेज शिक्षकों का कहना है कि 2013 के बाद से विभाग की ओर से प्रिंसिपल की सीधी भर्ती नहीं की गई है। इससे पहले 25 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरा जाता था और शेष पदों को पदोन्नति से भरा जाता था। सीधी भर्ती को लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से कई बार कोशिशें की गईं, लेकिन प्रस्ताव ठंडे बस्ते में ही रहे। इसलिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के पास प्रिंसिपल पदों की भर्ती की मांग ही नहीं हुई है।

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