देश में गरीबी की दर 16.2% से घटकर 2.3% हुई:2011 से 17.1 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए, भारत चौथा सबसे समान समाज वाला देश

by Carbonmedia
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भारत दुनिया का चौथा सबसे समान समाज वाला देश बन गया है। इसका मतलब यह है कि देश में जो भी डेवलपमेंट हो रहा है उसका फायदा मैक्सिमम लोगों तक पहुंच रहा है। वर्ल्ड बैंक लेटेस्ट रिपोर्ट- गिनी इंडेक्स में यह जानकारी सामने आई है। इस लिस्ट में भारत 167 देशों से ऊपर और स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया और बेलारूस से नीचे है। 6 सवाल जवाब में समझते हैं इस रिपोर्ट के मायने… सवाल 1: दुनिया के सबसे समान समाजों में से एक होने का मतलब क्या है? जवाब: भारत दुनिया के उन देशों में चौथे नंबर पर है, जहां आमदनी का बंटवारा सबसे बराबर तरीके से होता है। इसका मतलब है कि भारत में अमीर और गरीब के बीच की आर्थिक खाई पहले की तुलना में कम हुई है। भारत का “गिनी इंडेक्स” 25.5 है, ये दिखाता है कि देश में आर्थिक असमानता कम है। ये स्कोर स्लोवाक रिपब्लिक, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद आता है। लेकिन चीन (35.7), अमेरिका (41.8) और G7 और G20 देशों से बेहतर है। सवाल 2: गिनी इंडेक्स क्या होता है? जवाब: गिनी इंडेक्स एक तरह का इक्वालिटी मेजरमेंट है, जो ये बताता है कि किसी देश में आमदनी या दौलत कितनी बराबरी से बंटी हुई है। इसका स्कोर 0 से 100 तक होता है। 0 का मतलब है कि सबके पास बिल्कुल बराबर आमदनी है और 100 का मतलब है कि सारी आमदनी केवल एक व्यक्ति के पास है। भारत का स्कोर 25.5 है, जो “मध्यम रूप से कम” असमानता की श्रेणी में आता है। 2011 में ये 28.8 था, यानी हाल के सालों में भारत ने बराबरी की दिशा में काफी तरक्की की है। सवाल 3: भारत ने ये कैसे हासिल किया? जवाब: भारत ने ये काम कई सरकारी योजनाओं और नीतियों की मदद से किया है। उदाहरण के लिए- इन स्कीम्स के सही इम्प्लिमेंटेशन के कारण 2011 से 2023 के बीच 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए और देश में गरीबी की दर 16.2% से घटकर 2.3% हो गई। सवाल 4: इसका आम लोगों के लिए क्या मतलब है? जवाब: इसका मतलब है कि भारत में अब ज्यादा लोग आर्थिक रूप से बेहतर स्थिति में हैं। पहले की तुलना में ज्यादा परिवारों को खाना, हेल्थ सर्विसेज, बैंकिंग और नौकरी के मौके मिल रहे हैं। इस डेटा से पता चलता है कि भारत की आर्थिक तरक्की का फायदा केवल अमीरों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर तबके को मिल रहा है। ये एक तरह से भारत का मॉडल है, जो दुनिया के लिए मिसाल बन सकता है कि आर्थिक विकास और सामाजिक बराबरी एक साथ चल सकते हैं। सवाल 5: क्या कोई चुनौतियां बाकी हैं? जवाब: हां, भारत जैसे बड़े और डायवर्सिटी वाले देश में अभी भी कुछ इलाकों और समुदायों में असमानता बनी हुई है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच या अलग-अलग राज्यों में अभी भी काफी आर्थिक अंतर देखने को मिलता है। लेकिन वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट दिखाती है कि भारत सही दिशा में बढ़ रहा है। सवाल 6: क्या ये खबर पूरी तरह भरोसेमंद है? जवाब: ये खबर वर्ल्ड बैंक की 2025 की रिपोर्ट और भारत के सामाजिक कल्याण मंत्रालय की ओर से दिए गए डेटा के आधार पर बनाती है। हालांकि, गिनी इंडेक्स केवल आमदनी का बंटवारा दिखाता है और सामाजिक असमानता के दूसरे पहलू जैसे- शिक्षा या स्वास्थ्य तक पहुंच, इसमें पूरी तरह शामिल नहीं होते। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… 1. भारत में 85,698 लोगों की संपत्ति ₹87 करोड़ से ज्यादा: अमीरों के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर, 2023 के मुकाबले 2024 में 6% बढ़े सुपर रिच भारत में 10 मिलियन डॉलर यानी करीब 87 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति वाले 85,698 लोग रहते हैं। दुनियाभर के कुल अमीरों में इनकी संख्या 3.7% है। हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) के मामले में हम केवल अमेरिका, चीन और जापान से पीछे हैं। लिस्ट में टॉप पर अमेरिका में 9,05,413 लोग, चीन में 4,71,634 और जापान में 1,22,119 लोग रहते हैं। इस बात का खुलासा नाइट फ्रैंक की ‘द ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2025’ में हुआ है। भारत में 2023 के मुकाबले 2024 में 6% ज्यादा लोग अमीर हुए हैं। 2023 में भारत में 80,686 लोगों की संपत्ति 10 मिलियन डॉलर से ज्यादा थी। 2028 तक 9.4% बढ़ोतरी के साथ इनकी संख्या 93,753 होगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… 2. दुनिया में अरबपतियों की संपत्ति 10 साल में 121% बढ़ी: भारत में 263% इजाफा; 185 अरबपतियों की संपत्ति के मामले में इंडिया तीसरे नंबर पर भारतीय अरबपतियों की संपति 10 साल में करीब तीन गुनी हो गई। लेकिन हाल के वर्षों में चीन में उभरी आर्थिक चुनौतियों का असर वहां के रईस तबके पर पड़ा है। यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 से 2020 के बीच चीनी अरबपतियों की संपत्ति सालाना 20% से ज्यादा बढ़ी। लेकिन उसके बाद उनकी संपत्ति में हर साल करीब 5% की कमी आ रही है। दूसरी तरफ 2020-24 के बीच उत्तरी अमेरिका के अरबपतियों की संपत्ति 58.5% और पश्चिमी यूरोप के अरबपतियों की संपत्ति 29% बढ़ गई। दुनिया में टेक सेक्टर से सबसे ज्यादा बिलियनेयर्स निकल रहे हैं। बीते 10 साल में इनकी संपत्ति 67 हजार करोड़ रुपए से 3 गुना बढ़कर 203 लाख करोड़ रुपए हो गई। इंडस्ट्रियल बिलियनेयर्स दूसरे नंबर पर रहे। संपत्ति 45 हजार करोड़ रुपए से 110 लाख करोड़ रुपए हो गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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