पंजाब की इंडस्ट्री पर मध्य प्रदेश की नजर:CM डॉ. यादव करेंगे उद्योगपतियों से बैठक,सस्ती जमीन,बिजली का दे रहे प्रलोभन

by Carbonmedia
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पंजाब की इंडस्ट्री पर अब मध्य प्रदेश ने अपनी नजर रख ली है। मध्य प्रदेश में इंडस्ट्री लिस्टों को सस्ती जमीन और निर्बाध बिजली का प्रलोभन उन्हें दिया जा रहा है। कई प्रमुख घराने तो पहले ही वहां शिफ्ट कर चुके है। आज मध्य प्रदेश के CM डॉ. मोहन यादव लुधियाना आ रहे है। उनका मुख्य फोकस लुधियाना के बड़े उद्योगपतियों को मध्य प्रदेश में इकाइयां लगाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम पहले कर चुका FICO से बैठक मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के कार्यकारी निदेशक प्रतूल चंद्र सिन्हा के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों लुधियाना में फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन (FICO) के सदस्यों सहित उद्योगपतियों से मुलाकात की थी। उच्च स्तरीय बैठक में लुधियाना स्थित उद्योगों को इन्वेस्ट MP योजना के तहत मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित करने पर भी चर्चा हुई थी। प्रतिनिधिमंडल ने कुलार और FICO प्रतिनिधिमंडल को 7 जुलाई यानी आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से औद्योगिक सहयोग और विस्तार पर विस्तृत चर्चा के लिए औपचारिक निमंत्रण भी दिया हुआ है। FICO के अध्यक्ष गुरमीत सिंह कुलार बोले… FICO के अध्यक्ष गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि सिन्हा ने प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों, व्यापार करने की कम लागत और भारत के लगभग 50% उपभोक्ता बाजार तक पहुंच सहित मध्य प्रदेश के रणनीतिक लाभों पर प्रकाश पहले भी डाला था। सिन्हा ने कथित तौर पर FICO टीम से कहा था कि मध्य प्रदेश विकसित बुनियादी ढांचे और व्यापार-अनुकूल नीतियों के साथ एक अग्रणी औद्योगिक गंतव्य के रूप में उभर रहा है। सिन्हा ने यह भी कहा था कि मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह से विकसित औद्योगिक पार्क, प्रतिस्पर्धी भूमि सौदे और 24×7 निर्बाध बिजली आपूर्ति की पेशकश कर रही है, जो सुचारू औद्योगिक संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं। सरकार विशेष रूप से कपड़ा, फोर्जिंग, सिलाई मशीन, साइकिल और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों में उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है जो कि लुधियाना के विनिर्माण क्षेत्र की प्रमुख ताकत है। कुलार ने कहा कि लुधियाना स्थित चार औद्योगिक घरानों ने पहले ही बेहतर सहायक बुनियादी ढांचे और लागत प्रभावी रसद का हवाला देते हुए मध्य प्रदेश में जा चुके है। कुलार ने कहा कि मुख्य रूप से हीरो, एवन, ओसवाल आदि बड़े ग्रुप पहले ही मध्य प्रदेश में पलायन कर चुके है। 800 रुपए प्रति गज मिल रही मध्य प्रदेश में जमीन सबसे बड़ी बात यह है कि मध्य प्रदेश में इंडस्ट्री के लिए जगह बहुत सस्ती मिल रही है। 800 रुपए प्रति गज के हिसाब से इंदौर या भोपाल जैसे प्रमुख शहरों में सरकार जगह दे रही है। पंजाब भर में इतनी सस्ती जगह कही नहीं मिल सकती। पंजाब इस समय वैसे भी 28वें नंबर पर पहुंच चुका है। प्रदेश सरकार इंडस्ट्री को लेकर फोकस नहीं कर पा रही। आने वाले दिनों में प्रदेश मंत्री संजीव अरोड़ा से भी मीटिंग करेंगे। उन्हें भी अपनी समस्याओं के बारे में बताएंगे। बेशक मुख्यमंत्री भगवंत मान BMW यूनिट की बात करते है लेकिन ये सब बातें मैच्योर नहीं है। 360 एकड़ में बहुत बढ़िया हाईटेक साइकिल वैली लुधियाना में बननी थी वो प्रोजेक्ट सरकार ने खत्म ही कर दिया है। लुधियाना MSME के नाम से कभी जाना जाता था। 1996 के बाद लुधियाना में कोई फोकल पुवाइंट नहीं बना। 2014 में सुखबीर बादल ने 360 एकड़ धनांसू काटा था लेकिन 6 महीने बाद उनकी सरकार चली गई जिसके बाद वो प्रोजेक्ट भी ऐसे ही रह गया। सरकार आम लोगों को घरों के लिए बिजली मुफ्त दे रही है लेकिन उसका खर्च भी इंडस्ट्री से निकाला जा रहा है। इंडस्ट्री को 5 रुपए यूनिट कहा गया था। मेरी खुद की इंडस्ट्री का कल ही बिल आया उसकी जब कास्ट देखी तो वह 9 रुपए तक पहुंच गई थी। इंडस्ट्री में MOA (मेक्सिमम ओवर आल रेट) लगना चाहिए लेकिन वह है ही नहीं। कई ऐसे यूनिट भी है जिन्हें 13 से 14 रुपए तक बिजली मिल रही है। जबकि इंडस्ट्री को बिजली 9 से 13 रुपए यूनिट तक मिल रही है।

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