खंडवा में मुस्लिम युवक चला रहा था ‘राजवीर ढाबे’, भक्तों के खाने में हड्डी निकलने के बाद बवाल

by Carbonmedia
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Khandwa Rajveer Dhaba News: गुरु पूर्णिमा पर्व पर धूनीवाले दादाजी धाम में दर्शन के लिए पूरे देश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु खंडवा पहुंच रहे हैं. धार्मिक आस्था से ओतप्रोत इन भक्तों का स्वागत जगह-जगह निशुल्क भंडारों और जलसेवा के माध्यम से किया जा रहा है, लेकिन इस श्रद्धा और भक्ति के माहौल को ठेस पहुंचाने वाली एक गंभीर और संवेदनशील घटना सामने आई है.
जानकारी के अनुसार, रविवार (6 जुलाई) को बोरगांव बुजुर्ग गांव से पैदल यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं का एक समूह खंडवा के पंधाना थाना क्षेत्र के डुल्हार गांव के पास स्थित राजवीर ढाबा पर भोजन के लिए रुका. उन्होंने ढाबे से सेव टमाटर की सब्जी और रोटी मांगी, लेकिन परोसे गए भोजन में मटन की मिलावट पाई गई. जब श्रद्धालुओं ने सब्जी में मांस के टुकड़े देखे, तो वे भड़क उठे और मौके पर हंगामा हो गया.
मुस्लिम युवक चला रहा था ढाबासूचना मिलते ही हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे और पंधाना पुलिस को मामले से अवगत कराया गया. जांच में सामने आया कि ‘राजवीर ढाबा’ नाम से चल रहे इस प्रतिष्ठान को मुस्लिम युवक जावेद चला रहा था.
प्रशासन की सख्त कार्रवाईघटना की संवेदनशीलता को देखते हुए एसडीएम पंधाना दिनेश सावले और एसडीएम खंडवा बजरंग बहादुर सिंह ने तत्काल मौके पर पहुंचकर ढाबे को सील करने के आदेश दिए. पुलिस ने ढाबा संचालक जावेद और एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में ले लिया, और पूछताछ के दौरान बड़े पैमाने पर अवैध शराब भी जब्त की गई है.
सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों में आक्रोशइस मामले ने न सिर्फ श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत किया, बल्कि धार्मिक सहिष्णुता और सार्वजनिक व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं. कई सामाजिक संगठनों और आमजन की मांग है कि जिले के सभी ढाबों और होटलों पर संचालकों के नाम स्पष्ट रूप से दर्शाए जाएं. इसके अलावा, गुरु पूर्णिमा पर्व के दौरान तीन दिनों तक खंडवा जिले में मांस और शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए.
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तर्ज पर मांगघटना के बाद जिले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तरह धार्मिक स्थलों और मेलों के दौरान विशेष निगरानी और प्रतिबंध लागू करने की मांग तेज़ हो गई है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आस्था की रक्षा के लिए प्रशासन से सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की अपेक्षा की जा रही है.
श्रद्धा के मार्ग में अविश्वास का कांटाहर साल धूनीवाले दादाजी की समाधि पर शीश नवाने के लिए हजारों श्रद्धालु खंडवा पहुँचते हैं. पैदल यात्राओं के मार्ग में भंडारे और सेवा केंद्र लगते हैं. ऐसे में अगर धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ होता है तो यह सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं बल्कि आस्था का अपमान भी है.

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