स्वाद के मामले में दुनियाभर में मशहूर हुए ये भारतीय शहर, इन चीजों ने दिलाई खास पहचान

by Carbonmedia
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कभी सड़क किनारे की चाट कभी घर के स्टील टिफिन में रखा गरमा गरम खाना, भारत की थाली सिर्फ भूख ही नहीं बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव मानी जाती है. यह भावनात्मक स्वाद विश्व मंच पर भी भारत की पहचान बन रहा है. दुनिया के सबसे लोकप्रिय फूड गाइड में से एक TasteAtlas में हाल ही में 100 बेस्ट फूड सिटीज इन द वर्ल्ड की सूची जारी की है. जिसमें भारत के 6 शहरों को भी शामिल किया गया है. भारत के इन शहरों को स्थानीय डिसेज की विविधता स्वाद और ऐतिहासिक परंपरा ने एक बार फिर साबित किया है, कि भारतीय खानपान में केवल मसाले का खेल नहीं है बल्कि संस्कृतियों की थाली भी है.
मुंबई दुनिया की टॉप 5 फूड सिटीज में
इटली के नेपल्स और मिलान जैसे स्वाद के पावर हाउस शहरों के बाद इस लिस्ट में पांचवें स्थान पर मुंबई ने अपनी जगह बनाई है. यहां के बटर वाले खीमा पाव, चटपटे चाट, कोलीवाडा प्राॅन्स और गरमा गरम थाली दुनिया ने को बता दिया है कि भारतीय स्ट्रीट फूड भी किसी क्लासिक डाइनिंग से कम नहीं है.
अमृतसर से लेकर चेन्नई तक हर शहर की अपनी पहचान
टेस्ट एटलस की लिस्ट में भारत के जिन अन्य शहरों को जगह मिली है उनमें अमृतसर 43वें स्थान पर, दिल्ली 45वें स्थान पर, हैदराबाद 50वें स्थान पर, कोलकाता 71वें स्थान पर और चेन्नई ने 75वें स्थान पर अपनी जगह बनाई है.
इन 100 शहरों में अमृतसर अपने कुलचे, लस्सी और घी से भरें जायके के लिए मशहूर है. तो दिल्ली में खाना बहस का विषय है. जहां मुगलई स्वाद से लेकर छोले भटूरे हर चीज जुनून से खाई जाती है. वहीं हैदराबाद की बिरयानी का स्वाद शायरी जैसा माना जाता है साथ ही हलीम और पत्थर का गोश्त जैसे पकवान हैदराबाद के खाने को अलग पहचान देते हैं. कोलकाता की काठी रोल, माछेर झोल और रसगुल्ले हर खाने वाले का दिल जीत लेते हैं. वहीं चेन्नई अपने डोसा, इडली और फिल्टर कॉफी की वजह से खास जगह बनाता है.
सामग्री एक ही लेकिन स्वाद अलग-अलग
कुछ फूड हिस्ट्री एक्सपर्ट बताते हैं कि भारत में दाल, चावल मसाले जैसे बेसिक इनग्रीडिएंट्स सब जगह एक जैसे होते हैं. लेकिन उनका उपयोग हर राज्य में इतना अलग होता है कि स्वाद पूरी तरह बदल जाता है. यही स्वाद भारतीय खाने की एक अलग खूबसूरती दर्शाता है.
इतिहास संस्कृति और खानपान का रिश्ता
भारत के हर शहर की थाली में उसकी संस्कृति और इतिहास की झलक दिखाई देती है. हैदराबाद बिरयानी जहां फारसी और मुगल असर से निकली है. वही लखनऊ की रॉयल अवधि रसोई में बना कबाब आज भी लोगों की पहली पसंद बना हुआ है. कोलकाता की काठी रोल में ब्रिटिश और मुस्लिम दोनों का प्रभाव दिखाई देता है. अमृतसर का भरपूर खाना खेतों की समृद्धि और गुरुद्वारे के लंगर परंपरा से जुड़ा हुआ है.
कुछ भारतीय स्वाद जो वक्त के साथ हुए मजबूत
डोसा की क्रीस्पीनेस, बिरयानी की परतें, कुलचे छोले की जुगलबंदी या चाट की चटपटी परत ये ऐसे व्यंजन है जो सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बल्कि भावनाओं से जुड़े भी है. यह पीढ़ियों से चले आ रहे हैं और हर बार एक नया अनुभव देते हैं.ये भी पढ़ें- क्या सच में हम दिमाग का सिर्फ 10 प्रतिशत इस्तेमाल करते हैं? जानिए ब्रेन से जुड़े सबसे बड़े मिथक

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