भास्कर न्यूज|लुधियाना पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के एग्रीकल्चर कॉलेज का दीक्षांत समारोह सोमवार को हुआ। इसमें बीएससी एग्रीकल्चर (ऑनर्स), बीएससी बायोटेक्नोलॉजी (ऑनर्स), बीटेक बायोटेक्नोलॉजी और बीटेक फूड टेक्नोलॉजी के 160 से ज्यादा छात्रों को डिग्रियां दी गईं। गोल्ड मेडल, अन्य मेडल, मेरिट सर्टिफिकेट, अकादमिक रोल ऑफ ऑनर और पुरस्कार भी बांटे गए। समारोह में पीएयू के वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने डिग्रियां और पुरस्कार वितरित किए। मुख्य अतिथि डॉ. राजबीर सिंह, डिप्टी डायरेक्टर जनरल (एग्रीकल्चर एक्सटेंशन), आईसीएआर ने छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप सौभाग्यशाली हैं कि पीएयू जैसे संस्थान से पढ़ाई की, जिसने भारतीय कृषि को नई दिशा दी। यह संस्थान उच्च गुणवत्ता वाली फसलें, आधुनिक कृषि यंत्र और टिकाऊ खेती के लिए जाना जाता है। उन्होंने छात्रों से कहा कि दीक्षांत अंत नहीं, नई शुरुआत है। खुद का मूल्यांकन करें, अपनी ताकत और कमजोरी पहचानें। लक्ष्य तय करें और पूरी लगन से मेहनत करें। जमीन से जुड़े रहें और बार-बार प्रयास करें, जब तक सफलता न मिले। डॉ. सिंह ने पीएयू की नई पहल की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने हाई वैल्यू फसलों और स्मार्ट मार्केटिंग सिस्टम को बढ़ावा दिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन एग्रीकल्चर जैसे इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं, जिससे खेती में नई तकनीकें आ रही हैं। कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. सीएस औलख ने कॉलेज की उपलब्धियों की रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि अब तक कॉलेज से 8,901 ग्रेजुएट, 5,207 मास्टर्स और 1,768 डॉक्टरेट पास हो चुके हैं। कॉलेज ने वैज्ञानिक समुदाय और किसानों को ज्ञान और तकनीक देने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने छात्रों को कॉलेज का आदर्श वाक्य सीखो, जियो और सेवा करो याद दिलाया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. केएस संगा ने किया।
एग्रीकल्चर कॉलेज के दीक्षांत समारोह में 160 से ज्यादा छात्रों को डिग्री दी
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