फरीदाबाद जिले में मानसून का आगमन होने से पहले ही डेंगू और मलेरिया के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। अब तक डेंगू के 4 और मलेरिया के 2 मामले सामने आ चुके हैं। इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग में इन बीमारियों से निपटने के लिए आवश्यक मानव संसाधन का घोर अभाव है। विभाग में स्वीकृत 296 पदों में से मात्र 66 पद ही भरे हैं, जबकि 230 पद रिक्त पड़े हैं। जानकारी अनुसार, लगभग 35 लाख की आबादी वाले फरीदाबाद जिले में करीब 7 लाख घर और सैकड़ों औद्योगिक इकाइयां हैं। मलेरिया विभाग को इन सभी स्थानों पर निरीक्षण और दवा छिड़काव का कार्य करना होता है, लेकिन कर्मचारियों की भारी कमी के कारण यह कार्य प्रभावित हो रहा है। हेल्थ विभाग में रिक्त पदों की स्थिति… मानसून में बढ़ेगा जोखिम मानसून के आगमन में अभी दो माह शेष हैं, लेकिन विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी जलभराव की समस्या की आशंका है। पार्क, खाली मैदान और गलियों में जमा पानी डेंगू और मलेरिया के मच्छरों के प्रजनन का कारण बन सकता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मच्छर लार्वा नष्ट करने के लिए घर-घर जाकर जांच और दवा छिड़काव करती है, परंतु स्टाफ की कमी के कारण यह कार्य सीमित क्षेत्रों तक ही हो पा रहा है। फरीदाबाद के डिप्टी सीएमओ डॉ. रामभगत ने कहा, “संसाधनों की कमी के बावजूद हम अपनी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से निभा रहे हैं। पिछले 4-5 वर्षों से डेंगू और मलेरिया की स्थिति नियंत्रण में है। मानसून से पूर्व सरकार संविदा पर कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति भी करती है।”
फरीदाबाद में डेंगू-मलेरिया से लड़ने की तैयारी अधूरी:स्वास्थ्य विभाग में 296 में से 230 पद खाली; सिर्फ 66 कर्मचारी कर रहे काम
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