11 साल की उम्र झेला पिता की मौत का दर्द, गरीबी में बीता बचपन, संजीव कुमार की फर्श से अर्श तक की कहानी

by Carbonmedia
()

Sanjeev Kumar Birth Anniversary: दिग्गज एक्टर संजीव कुमार भले ही इस दुनिया में न हो लेकिन अपने टैलेंट और काम से आज भी वो लोगों के दिलों में जिंदा हैं. संजीव कुमार का 9 जुलाई 1938 को जन्म हुआ था. उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत स्ट्रगल किया. आइए नजर डालते हैं संजीव कुमार की जर्नी पर.
संजीव कुमार की कहानीसंजीव का जन्म एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ. उनके पिता जेठालाल ने तीन शादियां की थी. संजीव उनके पिता की तीसरी पत्नी शांता से पैदा हुए. शादी के पांच साल बाद शांता ने संजीव कुमार को जन्म दिया था. संजीव के दो और भाई भी हैं. लेकिन संजीव जब 11 साल के थे तब उनके पिता की मौत हो गई. 
इसके बाद से उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई. संजीव के पिता की मौत के बाद उनका बिजनेस और प्रॉपर्टी का ज्यादातर हिस्सा उनके पार्टनर ने ले लिया. इसके बाद संजीव और उनके परिवार ने गरीबी में दिन बिताए. उन्होंने इतनी गरीबी देखी की अच्छे स्कूल में पढ़ाई तक के पैसे नहीं थे. संजीव ने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की. उन्होंने स्कूल में नाट्य शास्त्र पढ़ा. संजीव की सिनेमा में बहुत रुचि थी. उनकी मां ने अपनी जूलरी बेचकर संजीव को एक्टिंग स्कूल में एडमिशन दिलवाया.
इसके बाद संजीव ने फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बनाई. संजीव ने थिएटर से शुरुआत की. थिएटर के दौरान ही उन्हें फिल्म हम हिंदुस्तानी में काम करने का मौका मिला. इस फिल्म के लिए उन्हें 12 रुपये प्रति शिफ्ट मिलता था. इस फिल्म के बाद संजीव को बहुत मेहनत करनी पड़ी. दूसरी फिल्म के लिए उन्हें दर-दर ठोकर खानी पड़ी. उन्होंने बी ग्रेड फिल्में भी साइन की. उन्होंने लेकिन हिम्मत नहीं हारी. उन्हें फिल्म संघर्ष से सफलता मिली. फिल्म संघर्ष से उनकी किस्मत चमकी.
संजीव ने शिकार, दस्तक, खिलौना, आंधी, शोले, कोशिश, जिंदगी, पति पत्नी और वो, त्रिशूल जैसी हिट फिल्में दी. 
ये भी पढ़ें- Sudhanshu Pandey on Anupama: अनुपमा में काम करते हुए दर्द में थे ‘वनराज’, लेनी पड़ी थी दवाईयां

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment