पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, आजकल महिलाओं में एक आम हार्मोनल समस्या बन गई है. यह मासिक धर्म की अनियमितता, शरीर पर ज़्यादा बाल, मुहांसे और गर्भवती होने में परेशानी जैसी कई दिक्कतें पैदा कर सकती है. जब पीसीओडी से पीड़ित महिलाएं गर्भवती होती हैं, तो उनमें कुछ खास तरह की परेशानी आने की संभावना बढ़ जाती है, जिनमें डिलीवरी का समय से कुछ दिन लेट होना भी शामिल हो सकता है. आइए जानते हैं कि पीसीओडी होने पर डिलीवरी में देरी क्यों हो सकती है.
पीसीओडी और डिलीवरी में देरी का क्या संबंध है?
पीसीओडी सीधे तौर पर डिलीवरी में देरी का कारण नहीं बनती, बल्कि यह प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ ऐसी दिक्कतें पैदा कर सकती है, जिनके कारण डॉक्टरों को डिलीवरी के समय के बारे में सोच-समझकर फैसला लेना पड़ता है. ये दिक्कतें अक्सर पीसीओडी से जुड़े हार्मोन में गड़बड़ी और इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से होती हैं.
डिलीवरी में देरी के मुख्य कारण
जेस्टेशनल डायबिटीज (प्रेग्नेंसी के दौरान शुगर): पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में इंसुलिन रेजिस्टेंस होने की संभावना ज़्यादा होती है. प्रेग्नेंसी के दौरान, यह समस्या अक्सर बढ़ जाती है, जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज (प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली शुगर) होने का खतरा बढ़ जाता है. अगर इस शुगर को ठीक से कंट्रोल न किया जाए, तो बच्चे का आकार सामान्य से बड़ा हो सकता है.
प्री-एक्लेम्पसिया (प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर): PCOD वाली महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी आम होती है, और प्रेग्नेंसी के दौरान यह प्री-एक्लेम्पसिया का रूप ले सकती है. प्री-एक्लेम्पसिया एक गंभीर स्थिति है जिसमें ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ जाता है और पेशाब में प्रोटीन आने लगता है.
हार्मोन में गड़बड़ी: पीसीओडी में हार्मोन में असंतुलन होता है, खासकर पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) का स्तर बढ़ जाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान ये हार्मोन बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकते हैं और कुछ हद तक डिलीवरी के समय को भी प्रभावित कर सकते हैं. हालांकि, इसका सीधा संबंध कम ही देखा जाता है.
मोटापा: पीसीओडी से पीड़ित कई महिलाएं मोटापे की समस्या से भी जूझती हैं. मोटापा खुद प्रेग्नेंसी में कई दिक्कतें पैदा कर सकता है, जैसे जेस्टेशनल डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर, जो बदले में डिलीवरी के समय को प्रभावित कर सकते हैं.
क्या डिलीवरी में देरी हमेशा होती है?
नहीं, पीसीओडी होने का मतलब यह नहीं है कि आपकी डिलीवरी हमेशा देर से होगी. कई पीसीओडी वाली महिलाएं स्वस्थ प्रेग्नेंसी और समय पर डिलीवरी का अनुभव करती हैं. यह पूरी तरह से पीसीओडी की गंभीरता, प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली मुश्किलों और उन्हें कैसे संभाला जाता है, इस पर निर्भर करता है. अगर आपको पीसीओडी है और आप गर्भवती हैं, तो डॉक्टर के साथ नियमित जांच और उनकी सलाह का पालन करना बहुत ज़रूरी है. डॉक्टर आपकी स्थिति की बारीकी से निगरानी करेंगे और किसी भी दिक्कत को समय पर पहचानने और उसका इलाज करने में मदद करेंगे. लाइफस्टाइल में बदलाव, जैसे स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम, प्रेग्नेंसी के दौरान पीसीओडी से जुड़ी मुश्किलों को कम करने में भी सहायक हो सकते हैं. सही देखभाल और मैनेजमेंट के साथ, पीसीओडी के बावजूद एक स्वस्थ प्रेग्नेंसी और सफल डिलीवरी संभव है.
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