पैरों में लगातार सूजन आना यानि एडिमा एक आम बात लग सकती है, लेकिन इसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. यह सिर्फ थकान या देर तक खड़े रहने का नतीजा नहीं होता, बल्कि कई बार यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है. अगर आपके पैरों में अक्सर सूजन रहती है, खासकर जब आप आराम कर रहे हों या सुबह उठने पर भी सूजन कम न हो तो आपको सावधान हो जाना चाहिए.
पैरों में सूजन के सामान्य कारण
सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि पैरों में सूजन के कुछ सामान्य और कम गंभीर कारण भी हो सकते हैं:
लंबे समय तक खड़े रहना या बैठना: इससे गुरुत्वाकर्षण के कारण पैरों में खून और पानी जमा हो जाते हैं.
गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं में शरीर में पानी बढ़ने और बच्चेदानी के दबाव के कारण पैरों में सूजन आम है.
ज्यादा वजन: मोटापा पैरों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे सूजन हो सकती है.
चोट या मोच: पैर या टखने में चोट लगने पर सूजन आ सकती है.
कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे ब्लड प्रेशर की दवाएं, स्टेरॉयड, या हार्मोनल दवाएं, सूजन का कारण बन सकती हैं.
ज्यादा नमक खाना: ज़्यादा नमक खाने से शरीर में पानी रुकता है, जिससे सूजन हो सकती है.
किन बीमारियों का संकेत हो सकती है पैरों की सूजन?
अगर पैरों में सूजन लगातार बनी रहती है या उसके साथ दूसरे लक्षण भी दिखते हैं, तो यह कुछ गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है:
दिल की बीमारी (Heart Failure): जब दिल कमजोर हो जाता है और शरीर में खून को ठीक से पंप नहीं कर पाता, तो खून वापस नसों में जमा होने लगता है, खासकर पैरों और टखनों में. इससे पैरों में सूजन आ सकती है, खासकर शाम को. इसके साथ सांस फूलना, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं.
किडनी की बीमारी: किडनी का काम शरीर से ज़्यादा पानी और बेकार पदार्थों को बाहर निकालना है. अगर किडनी ठीक से काम नहीं करती है, तो ये तरल पदार्थ शरीर में जमा होने लगते हैं, जिससे पैरों, टखनों और आंखों के आसपास सूजन आ सकती है.
लिवर की बीमारी: लिवर शरीर में एल्बुमिन नाम का प्रोटीन बनाता है, जो खून की नसों में पानी को बनाए रखने में मदद करता है. लिवर खराब होने पर एल्बुमिन कम बनता है, जिससे पानी खून की नसों से निकलकर शरीर के ऊतकों में जमा होने लगता है, जिससे पैरों और पेट में सूजन (जिसे जलोदर भी कहते हैं) आ सकती है.
थायरॉयड की समस्या (Hypothyroidism): थायरॉयड ग्रंथि के कम काम करने पर शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे तरल पदार्थ जमा हो सकते हैं और पैरों, टखनों और चेहरे पर सूजन आ सकती है.
खून के थक्के (Deep Vein Thrombosis – DVT): पैरों की गहरी नसों में खून का थक्का जमना (DVT) एक गंभीर समस्या है. इसमें आमतौर पर एक पैर में अचानक सूजन, दर्द, लालिमा और गर्माहट महसूस होती है. यह एक मेडिकल इमरजेंसी है क्योंकि थक्का टूटकर फेफड़ों तक पहुंच सकता है.
लिम्फेडिमा (Lymphedema): यह लिम्फेटिक सिस्टम (जो शरीर से अतिरिक्त पानी निकालने का काम करता है) में समस्या के कारण होता है. अगर लिम्फेटिक नसें खराब या बंद हो जाती हैं, तो तरल पदार्थ जमा हो जाते हैं, जिससे एक या दोनों पैरों में लगातार सूजन बनी रहती है. यह कैंसर के इलाज या संक्रमण के कारण हो सकता है.
वेरकोस वेन्स (Varicose Veins) या नसें कमजोर होना: पैरों की नसें कमजोर होने या उनमें वॉल्व खराब होने पर खून पैरों से वापस दिल की तरफ ठीक से नहीं जा पाता. इससे खून पैरों की नसों में जमा होने लगता है और पैरों व टखनों में सूजन आ सकती है, खासकर दिन के आखिर में.
कब डॉक्टर को दिखाएं?
अगर आपको पैरों में सूजन के साथ इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
सूजन अचानक से आए या बहुत तेजी से बढ़े.
सूजन के साथ दर्द, लालिमा या गर्माहट हो.
एक पैर में ज्यादा सूजन हो.
सांस लेने में तकलीफ हो, सीने में दर्द हो या चक्कर आएं.
सूजन के साथ बुखार हो.
गर्भावस्था के दौरान सूजन अचानक बहुत बढ़ जाए.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.