हरियाणा में विरोध के बीच यूपीएस लागू:नोटिफिकेशन जारी; 1 अगस्त से चुन सकेंगे कर्मचारी विकल्प, NPS भी ऑप्शन, बोर्ड-निगमों को करना होगा इंतजार

by Carbonmedia
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हरियाणा में विपक्ष के विरोध के बीच केंद्र की तर्ज पर सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) लागू कर दी है। सरकार की ओर से कैबिनेट मीटिंग में लिए गए यूपीएस लागू करने के फैसले का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। हरियाणा में सरकारी विभागों के कर्मचारी इसी साल एक अगस्त से यूपीएस का विकल्प चुन सकेंगे। हालांकि कर्मचारियों के पाय विकल्प के रूप में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) का भी ऑप्शन होगा। सरकार की ओर से सूबे के बोर्ड-निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों और विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को अभी यूपीएस से दूर रखा है, इसलिए यहां के कर्मचारियों को यूपीएस के लिए इंतजार करना होगा। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) अनुराग रस्तोगी द्वारा ये नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इससे सभी सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन मिलना सुनिश्चित हो सकेगा। अब 7 प्वाइंट्स में पढ़िए नोटिफिकेशन में क्या-क्या… 1. रिटायरमेंट के एक साल पहले 50% राशि मिलेगी सरकार के यूपीएस को लेकर जारी नोटिफिकेशन में 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी को यूपीएस के तहत रिटायरमेंट से पहले 12 महीनों के दौरान मिल रहे औसत मूल वेतन की 50 % की राशि पेंशन में मिलेगी। यदि कर्मचारी 10 या इससे अधिक वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद रिटायर होता है तो उसे प्रति माह 10 हजार रुपए का न्यूनतम गारंटीकृत भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। 2. पेंशनर की मौत के बाद परिवार को 60% मिलेगा ​​​​​​​पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में परिवार को अंतिम विड्रॉल पेंशन का 60 % ही मिलेगा। यह महंगाई राहत सुनिश्चित पेंशन भुगतान और पारिवारिक पेंशन दोनों पर लागू होगी, जिसकी गणना सेवारत कर्मचारियों पर लागू महंगाई भत्ते के समान ही की जाएगी। महंगाई राहत केवल तभी देय होगी, जब पेंशन भुगतान शुरू हो जाएगा। 3. एकमुश्त भुगतान की परमीशन होगी ​​​​​​​सेवानिवृत्ति के समय एकमुश्त भुगतान की भी अनुमति दी जाएगी, जो सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए मासिक परिलब्धियों (मूल वेतन महंगाई भत्ता) का दस प्रतिशत होगा। यह एकमुश्त राशि सुनिश्चित पेंशन भुगतान को प्रभावित नहीं करेगी।वर्तमान नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी दस प्रतिशत अंशदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है। यूपीएस के तहत सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जाएगा। 4. दो कोष निधियों का होगा ऑप्शन ​​​​​​​यूपीएस योजना के तहत कोष में दो निधियां शामिल होंगी। एक व्यक्तिगत कोष जिसमें कर्मचारी अंशदान और हरियाणा सरकार से प्राप्त योगदान शामिल होगा जो हरियाणा सरकार से अतिरिक्त योगदान द्वारा वित्त पोषित एक पूल कार्पस फंड के रूप में संचालित होगा। 5. सरकार बराबर का योगदान देगी ​​​​​​​योजना के तहत कर्मचारी अपने (मूल वेतन महंगाई भत्ते) का 10% योगदान देंगे, जिसमें हरियाणा सरकार से मिला बराबर योगदान होगा। दोनों राशियां प्रत्येक कर्मचारी के व्यक्तिगत कोष में जमा की जाएंगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार यूपीएस का विकल्प चुनने वाले सभी कर्मचारियों के (मूल वेतन महंगाई भत्ते) का अनुमानित 8.5% औसत आधार पर पूल कार्पस में योगदान करेगी। 6. निवेश का भी कर्मचारियों को विकल्प मिलेगा ​​​​​​​कर्मचारी अपने व्यक्तिगत कोष के लिए निवेश विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं, जिसे पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा विनियमित किया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी निवेश वरीयता निर्दिष्ट नहीं करता है तो पीएफआरडीए द्वारा परिभाषित निवेश का डिफाल्ट पैटर्न लागू होगा। अतिरिक्त सरकारी अंशदान द्वारा वित्तपोषित पूल कार्पस के लिए निवेश निर्णय पूरी तरह से हरियाणा सरकार द्वारा प्रबंधित किए जाएंगे। जो कर्मचारी यूपीएस के चालू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए और यूपीएस का विकल्प चुनते हैं, उनके लिए पीएफआरडीए टॉप-अप राशि प्रदान करने की व्यवस्था निर्धारित करेगा। 7. सेवानिवृत्ति के 15 वर्ष बाद समर्पित पेंशन बहाल हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम-2016 के नियम 95(2) में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार सेवानिवृत्ति के समय सरकारी कर्मचारी द्वारा समर्पित की गई पेंशन की राशि को सेवानिवृत्ति की तिथि से 15 वर्ष पूर्ण होने पर पुनः बहाल कर दिया जाएगा।

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