यमुनानगर के एक निजी अस्पताल में एक मरीज की मौत होने पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि उनके मरीज की हालत गंभीर होने के बावजूद भी एडमिट नहीं किया गया, जिस कारण उसकी स्ट्रेचर पर ही मौत हो गई। परिजनों का यह भी आरोप है कि उनके पास आयुष्मान कार्ड होने बावजूद अस्पताल स्टाफ द्वारा मरीज को एडमिट करने के लिए रुपए जमा कराने को कहा गया। काफी रिक्वेस्ट के बाद भी जब स्टाफ नहीं माना तो वह रुपए जमा कराने को भी तैयार हो गए, लेकिन तब तक उनके मरीज की मौत हो चुकी थी। लंग कैंसर का पीजीआई में चल रहा था इलाज
सूचना मिलते ही जगाधरी सिटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराया। साबापुर निवासी शिव कुमार ने बताया कि वह मेहनत मजदूरी का काम करता है। उसकी पत्नी दलबीरो कौर (55) को करीब सात महीने पहले लंग कैंसर हो गया था, जिसका इलाज पीजीआई चंडीगढ़ से चल रहा था। 27 जून को को उसकी पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसके चलते उसे यमुनानगर में ही अंबाला रोड स्थित एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया। यहां उसकी पत्नी का आयुष्मान कार्ड पर इलाज चला। करीब एक सप्ताह एडमिट रखने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। आयुष्मान कार्ड देखकर स्टाफ ने एडमिट करने से किया मना
सोमवार की रात उसकी पत्नी की तबीयत अचानक फिर से बिगड़ गई। इलाज के लिए उसे सुबह फिर से उसी निजी अस्पताल लेकर आए। एडमिट कराने के लिए जैसे ही वे काउंटर पर गए तो उनके आयुष्मान कार्ड को देख अस्पताल स्टाफ ने मरीज को एडमिट करने से मना कर दिया। स्टाफ ने कहा कि अभी सप्ताह के भीतर ही कार्ड पर उनके मरीज का इलाज हुआ है ऐसे में फिर से एक दम कार्ड के द्वारा इलाज नहीं हो पाएगा। ऐसे में स्टाफ ने कहा कि अगर वे मरीज को एडमिट कराना चाहते हैं तो पहले पेमेंट जमा कराएं। इलाज के अभाव में स्ट्रेचर पर तोड़ा दम
शिव कुमार ने कहा कि उन्होंने स्टाफ से रिक्वेस्ट की कि वे मरीज को एडमिट कर लें उनकी पेमेंट में थोड़ी देर में जमा करा दूंगा। आरोप है कि स्टाफ ने बिना पेमेंट जमा कराए पेशेंट को एडमिट करने से साफ मना कर दिया, जिससे उसकी स्ट्रेचर पर मौत हो गई। मरीज की हालत पहले ही नाजुक थी
वहीं मामले में अस्पताल के संचालक का कहना है कि मरीज एक हफ्ते पहले भी उनके पास एडमिट रहकर जा चुकी थी। उन्होंने उसी दौरान पेशेंट के परिजनों को बता दिया था कि मरीज की हालत काफी नाजुक है। आज सुबह जब पेशेंट को फिर से लेकर मरीज अस्पताल पहुंचे तो उस समय भी उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। वह उस समय ऑपरेशन थिएटर में थे। स्टाफ द्वारा एडमिट से पहले मरीज के परिजनों को कुछ टेस्ट कराने को कहा गया, लेकिन इतने में ही पेशेंट ने दम तोड़ दिया। अस्पताल द्वारा हर बार मरीज के परिजनों का पूरा सहयोग किया गया। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई- थाना प्रभारी
जगाधरी सिटी थाना प्रभारी राजपाल ने बताया कि अस्पताल पर हंगामे की सूचना मिलते ही वे मौके पर पहुंचे थे। पीड़ित पक्ष का आरोप था कि उनके मरीज को समय रहते एडमिट नहीं किया गया, जिस वजह से इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। इस बारे अस्पताल संचालक से बात की तो उन्होंने कहा कि बताया कि मरीज की हालत ज्यादा खराब थी, जिसके लिए उन्हें उसके कुछ टेस्ट कराने को कहा था। डॉक्टर ऑपरेशन रूम में थे । इस दौरान मरीज की मौत हो गई। मरीज के परिजनों को समझाया गया। उनके पास परिजनों की तरफ से कोई शिकायत नहीं आई है।
यमुनानगर में निजी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप:आयुष्मान कार्ड पेशेंट को नहीं किया एडमिट, स्ट्रेचर पर तोड़ा दम; परिजनों ने किया हंगामा
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