हरियाणा के नूंह जिले के पुन्हाना के बासदल्ला में भैंस के नाम पर एक लाख रुपए की लोन दिलाने का झांसा देकर गरीब लोगों के फिंगरप्रिंट लगवाकर डाकघर में उनके फर्जी तरीके से खाते खुलवाकर पैसे निकालने का मामला सामने आया है। युवक द्वारा पहले तो गांव के ही अशिक्षित और गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर विश्वास में लिया और उसके बाद एक महिला को गांव में बुलाकर गरीब लोगों के फिंगरप्रिंट लगवा लिए। कुछ दिन बाद जब उनके पास बैंक का नोटिस आया तो पता चला कि उनके साथ तो लोन के नाम पर धोखाधड़ी हो गई। फर्जीवाड़े के शिकार हुए लोगों ने पुलिस से लेकर नूंह उपायुक्त, नूंह एसपी, स्टेट विजिलेंस और सीएम के नाम शिकायत दी है। भैंस पर लोन दिलवाने का दिया झांसा बासदल्ला गांव के रहने वाले सद्दीक, सानिया पुत्री अजीज, शबाना पत्नी शौकीन, भूरी पत्नी आशिक,अज्जी पत्नी अकबर, साहुनी पत्नी आरिफ और नसीम सहित बासदल्ला गांव के लोगों ने दी शिकायत में बताया कि उनके पास करीब 20 दिन पहले गांव का मौसम नाम का एक युवक आया जो उनसे भैंसों के नाम पर एक लाख रुपए की लोन दिलाने की बात करने लगा। फर्जीवाड़े का शिकार हुए लोगों ने बताया कि युवक ने लोन हो जाने के बाद उनसे पांच हजार रुपए देने की बात कही। डाकखाना में फर्जी खाते खुलवाए आरोप है कि इसके बाद युवक ने गांव के अनपढ़ और गरीब लोगों को अपने विश्वास में लेकर कविता नामक एक महिला को बासदल्ला में बुला लिया। जिसने केवाईसी के नाम पर मशीन पर लोगों की फिंगर लगवाई गई, जिसकी एवज में उनसे 200 रुपए भी चार्ज किए। आरोप है कि इसके बाद युवक द्वारा डाकखाना में उनके फर्जी खाते खुलवाए गए और उनमें फर्जी तरीके से अपने नंबर डलवाकर फर्जी तरीके से राशि का लेनदेन किया गया। जिन्होंने खाते खुलवाए वो ही उनके खातों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे। लोगों के पास इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक की तरफ से नोटिस इस फ्रॉड का खुलासा तब हुआ जब उनके पास इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक की तरफ से नोटिस आया। इसके बाद जब उन्होंने मौसम से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। इसके बाद मामले को लेकर वह युवती कविता गर्ग के पास भी गए, लेकिन उन्होंने सुनवाई नहीं की। जिसके बाद सभी लोगों ने कानूनी रूप से न्याय मांगने की गुहार लगाई और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। जबकि कविता नामक युवती से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है। कैसे चलता है, फ्रॉड का ये खेल लोन दिलाने के नाम पर पहले तो अशिक्षित व गरीब लोगों को पैसे के लालच में लिया जाता है। उसके बाद डाकघर में सांठगांठ कर उपभोक्ता का आधार कार्ड लेकर उसकी फिंगरप्रिंट लगवाई जाती है और फिर उसी के नाम से सांठगांठ कर डाकघर में फर्जी खाता खुलवाया जाता है। उसी खाता में फर्जीवाड़ा करने वाला युवक अपना मोबाइल नंबर लिंक करवाकर उसे इस्तेमाल करता है। जिसके बाद वह लोगों के साथ साइबर ठगी कर उसी खाते में पैसे डलवाता है और फर्जीवाड़ा करने वाला उन पैसों को निकाल लेता है। ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति जब उस खाते की शिकायत करता है तो जितना फ्रॉड हुआ है, इतनी राशि माइनस कर उस बैंक खाते को फ्रिज कर देती है और उस पैसे की रिकवरी के लिए उस व्यक्ति के नाम नोटिस भेजती है। जिसके नाम से खाता होता है, उसके बाद असली उपभोक्ता को पता चलता है कि उसके साथ कितना बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। अधिकारियों के संज्ञान में नहीं है मामला ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर कोई उपभोक्ता खाता खुलवाता तो उसका बायोमेट्रिक से खाता खुलता है जिसकी ओटीपी उपभोक्ता के पास जाती है। उसके बाद खाता खुलता है। कविता नाम की कोई भी कर्मचारी हमारे विभाग में नहीं है। उसके पिता राम मोहन, बिसरू ब्रांच पोस्ट मास्टर बिसरू जरूर विभाग में कर्मचारी हैं।
नूंह में लोन दिलाने के नाम पर ठगी:डाकघर में खुलवाए फर्जी खाते,नोटिस आया तो फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा
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