सिरसा जिले के ऐलनाबाद से प्राइवेट कॉलेज फाउंडर एवं रिटायर्ड प्रोफेसर अमरजीत सिंह की हत्या मामले में खुलासा हुआ है। हत्या के बाद भी विक्रम अमरजीत सिंह के घरवालों के साथ तलाश के लिए घूमता रहा और शरीफ बनने की कोशिश की, ताकि किसी को उस पर शक न हो। वह बार-बार अमरजीत की खूबियों का गुणगान करता। जब सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो उसके हाथ-पांव फूल गए। इसकी सूचना पुलिस को दी और उसे पकड़वाया। मोहाली से आर सिटी एरिया निवासी रणबीर सिंह ने बताया कि अमरजीत सिंह सिहाग के साथ उनकी काफी गहरी दोस्ती थी और कई बार आपस में मिलते थे। वह मिलनुसार व्यवहार के थे। अमरजीत सिंह का विक्रम के साथ बेटे जैसा व्यवहार था और उनको अपना बेटा मानते थे। अमरजीत सिंह ने विक्रम को पैसे दिए हुए थे। परिवार का दावा है कि विक्रम को करीब डेढ करोड़ रुपए दिए हुए थे। जब अमरजीत सिंह ने जरूरत पड़ने पर पैसों की डिमांड की थी। इस डिमांड की एवज में विक्रम ने बहला-फुसलाकर पंचकूला के मोरनी में ले जाकर उनको गोलियों से भूनकर मार डाला और नीचे गड्ढे में डाल दिया। रणबीर सिंह ने बताया कि वह आदमी (विक्रम) वापस घर आकर उनके साथ घूमता रहा और तलाश में उनके साथ देखता रहा। वह यह जताना चाह रहा था कि मैं ही तुम्हारा शुभचिंतक हूं। इसके अलावा मेरा कोई नहीं। जब हमने उनकी डेडबॉडी को देखा तो हमारे हाथ-पांव फूल चुके थे यानी दंग रह गए और विक्रम के भी हाथ-पांव फूल हुए थे। जब हमने साइड के सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो पता चला कि एक इनोवा गाड़ी है, जिसमें इन्होंने बैठाया है और आगे चलकर वो बंद हाे जाती है। इनोवा में बैठे नजर आए अमरजीत : रणबीर रणबीर ने बताया कि उस कैमरे में सफलता नहीं मिली तो हम आगे जाकर पटियाला रोड पर सीसीटीवी कैमरा था। जब उसको चेक किया तो इनोवा में अमरजीत सिंह बैठे नजर आए। यह बात हमने पुलिस स्टाफ को बताई। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसने सारी बातें कबूल कर ली। उनके संपर्क में अमरजीत सिंह तीन से चार साल से थे। उनसे कभी-कभार अमरजीत सिंह कहते थे कि उनके गांव के हैं और मेरा जानकार है, बढ़िया व्यक्ति है। अमरजीत हर किसी की मदद करने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने यहीं सोचकर विक्रम की मदद की। दोस्ती का नाजायब फायदा उठाया रणबीर सिंह ने बताया कि इसका नाजायज फायदा विक्रम ने उठाया है। विक्रम ने कोई प्रोपर्टी खरीदी थी, इसके लिए अमरजीत से पैसे लिए थे और वह अब पैसे दे नहीं रहा था। जब अमरजीत ने विक्रम से पैसे की डिमांड की तो विक्रम अपने साथ ले गया और कहा कि पंचकूला चलो। मैं आपको वहीं पंचकूला पैसे दिलवा दूंगा। जब पंचकूला गए तो इसके बहाने रात को अंधेरे में मोरनी में ले जाकर शूटआउट कर दिया। यह तो इस मामले में विश्वास ही खत्म हो गया। यह जानिएं पूरा मामला, अमरजीत की अपनी पत्नी सविता के साथ हुई थी अंतिम बार बात मृतक अमरजीत की अपनी पत्नी सविता के साथ 3 जुलाई शाम 4 बजे नॉमर्ल बात हुई थी। इसके बाद शाम 7 बजे के आसपास अमरजीत का अचानक घर पर फोन आया और उनके नौकर दूनी से बात हुई। उन्होंने दूनी से कहा कि जो घर पर कैश पड़ा है, उसे लेकर जल्दी आ जाओ। तभी उनकी पत्नी सविता आ गई तो सविता ने उनसे कहा कि इतनी क्या जल्दी है, इस समय कैश का क्या करोगे। तब अमरजीत ने यहीं कि मैंने दूनी से कह दिया ना कि कैश लेकर आना है। इतना कहने के बाद फोन कट गया। इसके बाद कोई बात नहीं हुई। सोमवार रात को मोरनी में उनका शव बरामद हुआ। अनिल मेहरा ने बताया कि उनके जीजा अमरजीत सिंह ने मोहाली के सेक्टर सी में प्रोपर्टी खरीद रखी थी। तीन स्टोरी मकान था, जिसमें सेंटर यानी बीच का मकान फाइनेंसर विक्रम को दे रखा था। ऊपर वाला मकान कुछ दिन पहले ही किराएदार से खाली करवा लिया था। अमरजीत ने बी ब्लॉक में भी मकान ले रखा था। इसलिए अमरजीत कभी-कभार ही सेक्टर सी स्थित मकान में जाते थे। वह उसका किडनैप लेकर गोली मारकर हत्या कर दी थी और शव पंचकूला मोरनी में फेंक दिया था। पैसे ऐंठना चाहते थे दोनों आरोपी पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों ही अमरजीत सिंह से पैसा ऐंठना चाहते थे। आरोपियों की पहचान विक्रम (24) निवासी सिरसा और बलजिंदर सिंह (40) निवासी मुक्तसर के रूप में हुई है। दोनों प्रॉपर्टी डीलर हैं। मोहाली में अमरजीत के घर में ही ऑफिस खोला हुआ था। अमरजीत सिंह मूलरूप से सिरसा के ऐलनाबाद के रहने वाले थे। उनका ऐलनाबाद में ममेरा रोड पर चौधरी आरआर मेमोरियल नाम से स्कूल और कॉलेज है। उनकी मोहाली में प्रॉपर्टी है। ऐसे में वह कुछ दिन सिरसा तो कुछ दिन मोहाली रहते थे। अभी वह मोहाली रह रहे थे।
ऐलनाबाद कॉलेज फाउंडर अमरजीत की हत्या में खुलासा:घटना के बाद आरोपी विक्रम घरवालों के साथ घूमता रहा, सीसीटीवी खंगाले तो हाथ-पांव फूले
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