UP News: चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र के सिकरी अमान गांव में 30 जून को सड़क किनारे जली हुई ऑल्टो कार में मिले अधजले शव के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. जिसका अंतिम संस्कार किया गया वो जिन्दा निकला. बीमे की दो करोड़ की रकम हड़पने के लिए एक बेक़सूर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. पुलिस ने आरोपी और षड्यंत्र में शामिल उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल जिस शव को मध्य प्रदेश के रीवा निवासी सुनील सिंह की पत्नी हेमा सिंह ने अपने पति के रूप में शिनाख्त कर अंतिम संस्कार कर दिया था, वह सुनील सिंह जीवित मिला. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सुनील और उसकी पत्नी हेमा को गिरफ्तार कर इस हत्याकांड का खुलासा किया. मृतक की पहचान रीवा के नेहरू नगर निवासी विनय चौहान के रूप में हुई, जिसे सुनील ने सुनियोजित साजिश के तहत जिंदा जला दिया था.
बीमा क्लेम और लोन से बचने की सनसनीखेज योजनाएसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि रीवा के जवां गांव निवासी सुनील सिंह ने अपनी पत्नी हेमा सिंह के नाम पर 55 लाख रुपये का लोन लेकर ब्यूटी पार्लर खोला था. इसके अलावा, 2 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम और एक हार्वेस्टर मशीन भी खरीदी थी. कोविड काल में किश्तें न चुका पाने के दबाव में सुनील ने यूट्यूब पर एक साउथ इंडियन फिल्म देखकर खुद को मृत दिखाने की साजिश रची. उसने अपने जैसे कद-काठी वाले व्यक्ति की तलाश शुरू की और 28 जून को रीवा में शराब की दुकान पर विनय चौहान को चुना.
सुनील ने विनय को शराब पिलाने के बहाने अपनी कार में बिठाया और 29 जून को उसे खाना-पीना खिलाकर घर छोड़ दिया. अगले दिन फिर 30 जून को विनय को बुलाकर शराब पिलाई और चित्रकूट के सिकरी अमान गांव के सूनसान रास्ते पर ले गया. वहां शराब के नशे में धुत विनय को कार में बंद कर गैस सिलेंडर का स्विच खोला, कपूर छिड़का, और बॉडी स्प्रे का इस्तेमाल कर आग लगा दी. विस्फोट के बाद विनय जिंदा जल गया, और सुनील मौके से फरार हो गया.
डीएनए जांच की इनकार से बढ़ा शक घटना के बाद हेमा सिंह ने शव को सुनील का बताकर शिनाख्त की और अंतिम संस्कार कराया. पुलिस को शुरू से शक था, क्योंकि हेमा डीएनए टेस्ट से बच रही थी. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने रीवा के अनंतपुर भाभा गांव में सुनील के साढ़ू के घर से उसे जीवित अवस्था में गिरफ्तार किया. पूछताछ में सुनील ने हत्या की साजिश कबूल की और मृतक की पहचान विनय चौहान के रूप में हुई, जो 29 जून से लापता था. पुलिस ने सुनील और हेमा के खिलाफ हत्या, साजिश, धोखाधड़ी, और सबूत नष्ट करने की धाराओं में मामला दर्ज किया. विनय के भाई का डीएनए सैंपल लेकर शव की पुष्टि की जा रही है.
पुलिस टीम को इनाम एसपी अरुण कुमार सिंह ने इस सनसनीखेज मामले के खुलासे के लिए पुलिस टीम को 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया है. उन्होंने बताया कि सुनील पूछताछ में गुमराह करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस की कड़ाई से पूछताछ में वो टूट गया और सारा सच उगल दिया.इसके साथ ही इस मामले में किसी और की भी भूमिका थी या नहीं इसे भी चेक किया जा रहा है.
2 करोड़ का बीमा, साजिश…मरा हुआ पति निकला जिंदा…जानिए चित्रकूट का खौफनाक कांड
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